नवनीत राणा को उम्मीदवारी देगी भाजपा!
पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने दिये साफ संकेत
अमरावती/दि.4 – कल रात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अमरावती लोकसभा क्षेत्र को लेकर दिये गये एक बयान के चलते अमरावती संसदीय सीट पर उम्मीदवारी देने के संदर्भ में भाजपा की रणनीति लगभग स्पष्ट हो चुकी है, बावनकुले ने कल रात एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि अमरावती लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद नवनीत राणा ही भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन की उम्मीदवार रहेगी और हर हाल में नवनीत राणा की विजय होगी. इसके साथ ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने अपनी बात को और अधिक स्पष्ट करते हुए यह भी कहा कि नवनीत राणा के अलावा युवा स्वाभिमान पार्टी के नेता व विधायक रवि राणा और प्रहार जनशक्ती पार्टी के संस्थापक व विधायक बच्चू कडू अमरावती जिले के इन तीनों नेताओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही यह तीनों नेता काम कर रहे हैं.
बता दें कि, सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है और पिछले 6 महीनों से कयास लगाये जा रहे थे कि सांसद नवनीत राणा इस बार क्या अपनी ही युवा स्वाभिमानी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेगी या फिर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन की उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडना पसंद करेगी. यह कयास पिछले 6 महीने से हर दिन बदले जा रहे थे. लेकिन बीती रात बावनकुले द्वारा दिये गये बयान के साथ ही अब यह तो तय हो चुका है कि नवनीत राणा हर हाल में भाजपा गठबंधन की ओर से लोकसभा के चुनाव में उम्मीदवार रहेगी और भारतीय जनता पार्टी उन्हें अपने समर्थित उम्मीदवार या भारतीय जनता पार्टी का टिकट देकर अधिकृत प्रत्याशी बनाते हुए भी चुनाव लडवा सकती है.
इधर भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने कमल या उनके नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से नवनीत राणा को चुनाव लड़ाये जाने के बारे में खुद सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा क्या सोच रहे है, इसे लेकर अभी राणा दंपति ने अपने पत्ते नहीं खोले है. याद दिला दें कि कल जब प्रहार के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू ने बयान दिया था यदि अमरावती लोकसभा सीट प्रहार के हिस्से में आती है, तो नवनीत राणा प्रहार के चुनाव चिन्ह पर भी चुनाव लड़ सकती है. लेकिन राजनीति में बच्चू कडू के इस बयान को उपहासात्मक रूप में लिया गया और इस बयान का जवाब देते हुए विधायक रवि राणा ने उनका मजाक उड़ाया था कि शायद बच्चू कडू की पार्टी से उनके ही विधायक राजकुमार पटेल अलग हो सकते हैं. बच्चू के बयान को राजनीतिक गलियारों में भी इतनी गंभीरता से नहीं लिया गया, क्योंकि अमरावती जिले की राजनीति में निर्दलिय रूप से राजनीति शुरू करने वाले बच्चू कडू और रवि राणा इन दोनों नेताओं की अपनी अपनी पार्टिया हैं और दोनों ने अपने आप को राजनीतिक रूप से सिद्ध भी किया है अब यह दोनों नेता राज्य स्तर की राजनीति कर रहे हैं. जहां बच्चू कडू पूरे महाराष्ट्र में काफी लोकप्रिय माने जाते हैं, वहीं राणा दंपति भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह तक अपनी पहुंच रखते हैं. ऐसी परिस्थितियों में एक-दूसरे की पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ना इन दोनों के लिए संभव नहीं है. लेकिन कल के बावनकुलेे के बयान से अब यह तो स्पष्ट हो चुका है कि अमरावती लोकसभा सीट पर नवनीत राणा भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन की उम्मीदवार ही रहेगी. वहीं अब यह देखा जाना बाकी है कि नवनीत राणा कमल के चिन्ह पर चुनाव लड़ती है या शिंदे गुट वाली शिवसेना अथवा अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से चुनाव लड़ती है. इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि, क्या नवनीत राणा इस बार मोदी और शाह को इस बात के लिए मनाने में सफल होती है कि वे अपनी ही पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े.
बावनकुले ने कल रात टीवी चैनल को दिए हुए अपने इंटरव्यू में यह भी दावा किया कि नवनीत राणा हर हाल में कम से कम 51 फीसद वोट लेकर चुनाव जीतेगी. इसका मतलब यह भी तय है कि भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों को लेकर अपनी अलग-अलग जो भी वह रचना बना रही है, उसमें भारतीय जनता पार्टी ने मान लिया है कि नवनीत राणा उनके गठबंधन से ही चुनाव लड़ेगी और नवनीत राणा को हर हाल में वे इस बार भी चुन कर संसद में भेजेंगे.