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मनपा में अब की बार भाजपा रहेगी 50 के पार

पार्टी शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने जताया विश्वास

* भाजपा के पांच वर्षीय कार्यकाल को बताया समाधानकारक व बेहतरीन
* विशेष साक्षात्कार में कई मसलों को लेकर खुलकर की बातचीत
* भाग-1
अमरावती/दि.23– विगत पांच वर्षों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अमरावती मनपा की सत्ता में रहते हुए बेहद शानदार व समाधानकारक ढंग से काम किया. यद्यपि कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन की वजह से काफी लंबा समय केवल स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर ही पूरा फोकस रहा. लेकिन इसके बावजूद हमने आम जनता के हितों से जुडे हुए मुद्दों को पूरी प्राथमिकता दी और मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विविध विकास कार्य पूर्ण किये थे. जिसकी बदौलत भाजपा पर शहरवासियों का विश्वास बढा है. जिसके दम पर मनपा के आगामी चुनाव में भाजपा अपने दम पर 98 में से कम से कम 50 सीटें निश्चित तौर पर जीतनेवाली है. इसी बात के मद्देनजर हमने मनपा क्षेत्र में अब की बार 50 के पार का नारा व लक्ष्य तय किया है. इस आशय का प्रतिपादन भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर द्वारा किया गया.
मनपा के आगामी आम चुनाव को देखते हुए इस समय सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू करनी है. अत: राजनीतिक दलों की तैयारियों और मनपा चुनाव को लेकर उनकी भुमिका को जानने हेतु दैनिक अमरावती मंडल ने अलग-अलग राजनीतिक दलों के शहराध्यक्षों के विचारों को जानने का सिलसिला शुरू किया है. इसी के तहत आज भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर से विशेष तौर पर बातचीत की गई. जिसमें उन्होंने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, मनपा के आगामी चुनाव पश्चात भाजपा ही एक बार फिर मनपा की सत्ता में लौटेगी और हम अपने दम पर अपना महापौर भी बनायेंगे.
इस बातचीत के दौरान भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने आगामी चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति व भूमिका के साथ-साथ विगत पांच वर्षों के दौरान पार्टी द्वारा मनपा की सत्ता में रहते हुए किये गये कामों व प्रदर्शन को लेकर भी खुलकर अपने विचार रखे और सभी सवालों का खुले दिल से जवाब दिया. किरण पातुरकर के मुताबिक मनपा की प्रमुख जिम्मेदारियोें में बेहतरीन सडकें, शुध्द पेयजल, साफ-सूथरी नालियां, परिसरों की सफाई, स्वास्थ्य व्यवस्था व शिक्षा व्यवस्था इन कामों को समावेश होता है. वर्ष 2017 में जब भाजपा ने चुनाव जीतकर मनपा की सत्ता हासिल की, तब राज्य में सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार थी. साथ ही केंद्र में भी तब से लेकर अब तक पीएम मोदी के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार काम कर रही है. ऐसे में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील के प्रयासों से अमरावती शहर में सिमेंट रास्तों का बडे पैमाने पर निर्माण किया गया. साथ ही भूमिगत गटर योजना को पूर्णत्व की ओर ले जाते हुए शहर के नये रिहायशी इलाकों को जलापूर्ति योजना के साथ जोडने का काम भी किया गया. इसके अलावा हमने शहर की सडकों पर आकर्षक स्ट्रीट लाईट लगवाते हुए शहर को साफसूथरा रखने पर भी विशेष तौर पर ध्यान दिया और इस दौरान मनपा शालाओं सहित मनपा के शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को भी चुस्त-दुरूस्त किया गया. इसके अलावा आम नागरिकों की सुविधा को देखते हुए हमने ऑनलाईन कर प्रणाली को अस्तित्व में लाया, ताकि लोगबाग घर बैठे अपने संपत्ति कर की राशि अदा कर सके. इन सबके साथ ही शहर को प्रदूषण मुक्त करने और पर्यावरण संवर्धन करने की दृष्टि से हमने सॉलीड वेस्ट ट्रिटमेंट प्लांट यानी घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प साकार करते हुए बायोमायनिंग प्रकल्प की ओर भी कदम आगे बढाये है. जिससे सुकली परिसर स्थित कंपोस्ट डिपो में बने कचरे के बडे-बडे पहाडों को खत्म किया जा सकेगा.

* 14 प्रभागों में पूरी तीन-तीन सीटें हम ही जीतेंगे
मनपा के आगामी चुनाव में पार्टी की जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, पार्टी द्वारा मनपा की 98 में से कम से कम 83 से 85 सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे किये जायेंगे. जिसमें से कम से कम 50 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी विजयी रहेंगे. इसमें भी 33 प्रभागों में 14 प्रभाग ऐसे है, जहां के सभी तीन-तीन सीटों पर आज से ही भाजपा की जीत सुनिश्चित है. अत: हम एक बार फिर मनपा की सत्ता में लौट रहे है. इस बात को लेकर किसी ने भी कोई संदेह नहीं रखना चाहिए.

* बायोमायनिंग को लेकर विपक्ष कर रहा गुमराह
बायोमायनिंग प्रकल्प को लेकर विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि, इस प्रकल्प के नाम पर सत्ता पक्ष द्वारा मनपा की तिजोरी पर नाहक ही 19 करोड रूपये का बोझ डाला जा रहा है. इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, या तो विपक्ष में रहनेवाले पार्षद खुद को इस पूरे मामले से अंजान दिखाने का प्रयास कर रहे है, या फिर जानबूझकर अमरावती की आम जनता को द्विगभ्रमित कर रहे है. क्योंकि यह बात सभी को पता है कि, सुकली कंपोस्ट डिपो की वजह से फैल रहे वायू व जलप्रदूषण के खिलाफ अमरावती के ही एक व्यक्ति द्वारा राष्ट्रीय हरीत लवाद में याचिका दायर की गई है. जिस पर सुनवाई के बाद लवाद ने अमरावती मनपा को 47 करोड रूपये का दंड सुनाया था. इस दंड राशि के साथ अन्य पेनॉल्टी व विलंब शुल्क को मिलाकर मनपा को करीब 74 करोड रूपये अदा करने पडते. ऐसे में हमने बायोमायनिंग प्रकल्प को जल्द से जल्द पूरा करने का हलफनामा पेश करते हुए इस दंड की राशि पर स्टे ऑर्डर प्राप्त किया था. ऐसे में तय समयावधि के भीतर बायोमायनिंग प्रकल्प का काम शुरू करना बेहद जरूरी था. पातुरकर ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि, आज जो लोग इस प्रकल्प को लेकर होहल्ला मचा रहे है, खुद उनकी सरकार के रहते समय 15 करोड की लागतवाले बायोमायनिंग प्रकल्प को शुरू किये जाने को मंजूरी मिली थी. किंतु उस समय इस कीमत में कोई भी ठेकेदार इस प्रकल्प का काम करने हेतु तैयार नहीं था. पश्चात हमने इस विषय को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटंसी की रिपोर्ट मंगवायी और पीएमसी द्वारा मौजूदा दरों के आधार पर इस प्रकल्प की कीमत 19 करोड रूपये तय की गई. किंतु ठेका इससे करीब 18 फीसद बिलो में दिया गया, जिसके चलते इस प्रकल्प की मौजूदा लागत करीब 17 करोड के आसपास जा रही है. यह सही है कि, हमें फिलहाल इसके लिए मनपा की तिजोरी से पैसा खर्च करना होगा. किंतु इसके लिए राज्य सरकार के जरिये केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा, ताकि इस प्रकल्प हेतु निधी प्राप्त की जा सके. वहीं होहल्ला मचानेवालों ने यह भी नहीं भूलना चाहिए कि, अगर इस प्रकल्प का काम शुरू नहीं किया जाता, तो मनपा को अपनी जेब से राष्ट्रीय हरीत लवाद द्वारा सुनाये गये 47 करोड रूपये के दंड की राशि सहित अन्य पेनॉल्टी व विलंब शुल्क भरने पडते.

* यशोमति पालकमंत्री कम, कांग्रेस नेत्री ज्यादा
इस वार्तालाप के दौरान एक सवाल के जवाब में भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, जब भाजपा नेता प्रवीण पोटे पाटील जिला पालकमंत्री थे, तो उन्होंने कभी भाजपा व गैरभाजपा जनप्रतिनिधियों या स्थानीय स्वायत्त निकायों में भेद नहीं किया. बल्कि वे सभी को साथ लेकर चले और विकास कामों हेतु निधी का वितरण भी सम-समान पध्दति से किया. क्योंकि राजनीति का भी यहीं सिध्दांत है कि, तमाम तरह की राजनीतिक अदावतें चुनाव निपटने के साथ ही खत्म हो जानी चाहिए. किंतु सभी लोग ऐसा नहीं सोचते इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण अमरावती की जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को कहा जा सकता है, जिनके व्यवहार को देखकर कहा जा सकता है कि, वे जिला पालकमंत्री कम और कांग्रेस नेत्री ज्यादा है. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर पूरा समय भाजपा को लेकर द्वेषपूर्ण भावना से भरी रहती है और भाजपाई जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिन स्थानीय निकायों में भाजपा की सत्ता है, वहां पक्षपातपूर्ण रवैय्या अपनाती है. इसके अलावा जिले की दबंग महिला नेता कहलानेवाली यशोमति ठाकुर की सारी दबंगाई इन दिनों केवल पीएम मोदी के खिलाफ बयान जारी करने और केंद्र सरकार को लेकर कोसने में खर्च हो रही है. जबकि यहां अमरावती जिले में बेलोरा विमानतल व मेडिकल कॉलेज जैसे महत्वाकांक्षी कार्य व प्रकल्प अब तक अधूरे पडे है. साथ ही विगत ढाई-तीन वर्षों के दौरान कैबिनेट मंत्री व पालकमंत्री होने के नाते यशोमति ठाकुर अमरावती जिले के लिए एक भी नई योजना नहीं ला पायी. इससे उलट पहले से मंजूर योजनाओं और कामों का यहां से धीरे-धीरे स्थलांतरण शुरू हो गया है. इसकी ओर भी पालकमंत्री ठाकुर का कोई ध्यान नहीं. सबसे बडी बात तो यह है कि, राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार बनने के बाद से नांदगांव पेठ की पंचतारांकित एमआयडीसी व टेक्सटाईल झोन में एक भी नया उद्योग या कारखाना नहीं आया है. इस ओर ध्यान देने की फुरसत भी पालकमंत्री के पास नहीं है. जबकि इससे पहले फडणवीस सरकार के कार्यकाल दौरान टेक्सटाईल पार्क का काम शुरू करने के साथ-साथ यहां पर कई विश्वस्तरीय ब्रांड के कारखाने भी शुरू कर दिये गये थे. किंतु महाविकास आघाडी सरकार के आते ही अब जिले के औद्योगिक विकास की भी अनदेखी हो रही है.

* विधायक खोडके केवल नाम की विधायक और खुद संभ्रम का शिकार
इस समय भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के साथ-साथ अमरावती की विधायक सुलभा खोडके पर भी जमकर निशाना साधा. इसके तहत उन्होंने कहा कि, सबसे अव्वल तो विधायक सुलभा खोडके खुद इस संभ्रम का शिकार है कि, वे कांग्रेस में है या राकांपा में. यद्यपि वे कांग्रेस की टीकट पर विधायक निर्वाचित हुई है, किंतु कांग्रेस में कही उनका कोई अस्तित्व ही दिखाई नहीं देता, बल्कि वे पूरा समय राकांपा को मजबूत करने में लगी रहती है. साथ ही विगत विधानसभा चुनाव में केवल भाजपा प्रत्याशी को हर हाल में हराना है, इस मानसिकता के तहत हुई वोटिंग के चलते सुलभा खोडके विधायक निर्वाचित होने में सफल हुई थी. जबकि पराजीत प्रत्याशी के सामने उनकी कोई विशेष कार्य उपलब्धि भी नहीं थी. इसके बाद चुनकर आने के पश्चात भी विगत तीन वर्षों के दौरान विधायक सुलभा खोडके की शहर में कहीं कोई विशेष मौजूदगी भी दिखाई नहीं दी. अलबत्ता इन दिनों वे कुछ नगरसेवकों द्वारा मनपा की निधी से किये जानेवाले कामों का भूमिपूजन करती हुई जरूर दिखाई देती है. इसके अलावा जिन एक-दो बडे कामों का विधायक सुलभा खोडके ने भुमिपूजन या लोकार्पण किया है, वे तो हकीकत में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील द्वारा मंजूर व स्वीकृत कराये गये काम है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यहीं है कि, खुद कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके ने शहर के विकास हेतु कौनसे प्रभावी काम किये.

* कोविड संक्रमण व लॉकडाउन काल में हम ही थे ‘विजीबल’
भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने इस बातचीत के दौरान कोविड संक्रमण व लॉकडाउन काल को याद करते हुए कहा कि, उस समय अमरावती शहर सहित जिले में केवल भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता ही अपने घरों से बाहर निकलकर लोगों की जरूरतों को पूर्ण करने और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे थे. भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि उस समय अपने-अपने वॉर्डों व प्रभागों में साफ-सफाई व सैनिटाईजेशन का कार्य कराने हेतु युध्दस्तर पर कार्य कर रहे थे. इसके तहत पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील की अगुआई व नेतृत्व में शहर सहित जिले के लाखों जरूरतमंदों तक अनाज व भोजन की सहायता उपलब्ध करायी गई. साथ ही जो परप्रांतिय मजदूर अमरावती शहर सहित जिले में अटके हुए थे, उन्हें उनके गृहराज्य व गृहनगर में वापिस भेजने का इंतजाम किया गया. इसके लिए जहां एक ओर केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से श्रमिक टे्रनें चलाई गई, वहीं स्थानीय स्तर पर हम लोगों ने निजी बसोें व मिनी बसों जैसे वाहनों की व्यवस्था कर परप्रांतिय मजदूरों व नागरिकों को वापिस भेजने का इंतजाम किया. साथ ही जब तक हर एक परप्रांतिय व्यक्ति की वापसी नहीं होगी, तब तक ऐसे हर एक व्यक्ति के भोजन की व्यवस्था करने हेतु लंगर चलाये जाते रहे. साथ ही साथ अमरावती शहर व जिले के जो लोगबाग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए थे, उन्हें वहां से वापिस लाने हेतु भी भाजपा पदाधिकारियों ने ही तमाम आवश्यक पहल की. लेकिन इस दौरान राज्य की सत्ता में रहनेवाले दलों के नेता व पदाधिकारी कहीं पर भी दिखाई नहीं दिये और तो और खुद राज्य सरकार के मुखिया यानी मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे पूरा समय अपने घर में खुद को सुरक्षित रखते हुए सरकार का कामकाज चलाते रहे. यहीं हाल उनकी सरकार में शामिल दलों के मंत्रियों व नेताओं का भी रहा.

* हमारे बीच कोई गुटबाजी नहीं, लेकिन सभी तरह के विचारों का सम्मान
इन दिनों अमरावती शहर भाजपा में भी आपसी वर्चस्व की लडाई देखी जा रही है और सभी छोटे-बडे नेताओं के अपने-अपने गुट बन गये है. इससे संबंधित सवाल पुछे जाने पर भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, भाजपा में किसी तरह की गुटबाजी के लिए कोई स्थान नहीं है. बल्कि हमारे यहां सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ छोटे से छोटे सामान्य कार्यकर्ता के विचारों का भी पूरा सम्मान होता है. क्योेंकि यहां अन्य दलों की तरह किसी व्यक्ति विशेष या परिवार विशेष के निर्देश पर काम नहीं चलता, बल्कि भाजपा में उपर से लेकर नीचे तक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होता है और हम विभिन्न मतप्रवाहों का सम्मान करते है. किंतु पार्टी के सिध्दांतों से कभी कोई समझौता नहीं किया जाता. ऐसे में हमारे बीच मतभिन्नता जरूर हो सकती है. किंतु इसे गुटबाजी नहीं कहा जा सकता.
(क्रमश…)

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