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भाजपा के 39 मौजूदा पार्षदों ने पार्टी से दोबारा मांगे टिकट

मौजूदा पार्षदों के अलावा 83 सीटों पर करीब 200 दावेदार

* 6 पार्षदों सहित 1 स्वीकृत पार्षद जा सकते हैं कांग्रेस में
* अन्य दलों के 15 से 20 पार्षद व पदाधिकारी भाजपा में आने के इच्छुक
अमरावती/दि.3– प्रभाग रचना की संशोधित सूची घोषित होते ही अब अमरावती मनपा क्षेत्र में मनपा के आगामी चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है और मौजूदा पार्षदों सहित विभिन्न दलों से चुनाव लडने के इच्छुकों द्वारा अपनी-अपनी टिकट फाईनल करने के लिए अभी से लॉबींग व फिल्डींग लगानी शुरू कर दी गई है. जिसके तहत विगत पांच वर्षों से मनपा की सत्ता में रहनेवाली भाजपा के 45 में से 39 मौजूदा पार्षदों द्वारा एक बार फिर पार्टी के समक्ष खुद को ही दुबारा प्रत्याशी बनाये जाने का दावा ठोंकते हुए टिकट की मांग की गई है. वहीं पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख के वर्ष 2021 के दौरान भाजपा छोडकर एक बार फिर कांग्रेस में वापिस चले जाने की वजह से उनके साथ भाजपा में आकर पार्षद बने उनके समर्थकों के भी एक बार फिर कांग्रेस में वापिस जाने के पूरे आसार है. माना जा रहा है कि, भाजपा की ओर से स्वीकृत पार्षद रहनेवाले मिलींद चिमोटे सहित पार्षद गोपाल धर्माले, विजय वानखडे, रिटा पडोले, बालू भुयार, प्रमिला जाधव तथा सुचित बिरे अब एक बार फिर कांग्रेस वापिस लौट सकते है और संभवत: आगामी चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी रह सकते है.
वहीं दूसरी ओर विगत पांच वर्षों तक मनपा की सत्ता में रहनेवाली भाजपा में आगामी चुनाव को लेकर एक बार फिर जबर्दस्त उत्साह है तथा पार्टी दुबारा सत्ता में लौटने को लेकर काफी हद तक आश्वस्त भी नजर आ रही है. यहीं वजह है कि, जहां एक ओर पार्टी के 39 मौजूदा पार्षद एक बार फिर टिकट मांगनेवालों की कतार में सबसे आगे खडे है. वहीं 98 में से 83 सीटों पर अब तक 200 से अधिक इच्छुक चुनाव लडने की इच्छा जता चुके है. जिन्होंने पार्टी के समक्ष अपना दावा भी पेश किया है. इनमें पार्टी के मौजूदा पार्षदों सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं पुराने कार्यकर्ताओं का भी समावेश है, जो इस चुनाव में खुद को प्रत्याशी बनाये जाने का पूरजोर दावा कर रहे है. इधर जहां एक ओर करीब 7 पार्षद भाजपा छोडकर कांग्रेस में जाने की राह पर दिखाई दे रहे है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित राकांपा, शिवसेना व बसपा से करीब 15 से 20 पार्षद व प्रमुख पदाधिकारी इस समय भाजपा में आने की जुगत भिडा रहे है. जिसके लिए उनकी भाजपा पदाधिकारियों के साथ अंदरूनी तौर पर चर्चा व बैठक का दौर जारी है. यदि ऐसा होता है, तो भाजपा काफी हद तक अपना ‘डैमेज कंट्रोल’ कर लेगी, ऐसा कहा जा सकता है.

* 98 में से 83 सीटों पर ही चुनाव लडेगी भगवा पार्टियां
– कांग्रेस व राकांपा द्वारा सभी सीटों पर खडे किये जा सकते है प्रत्याशी
– एमआईएम व मुस्लिम लीग की 20 सीटोें पर रहेगी दावेदारी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर कांग्रेस व राकांपा जैसे दलों द्वारा मनपा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे किये जाते है, वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी के तौर पर पहचान रखनेवाली भाजपा एवं शिवसेना द्वारा मुस्लिम बहुल सीटों को छोडकर अन्य सीटों पर ही हमेशा चुनाव लडा जाता रहा है. ऐसे में साफ है कि, इस बार भाजपा के साथ-साथ शिवसेना द्वारा भी 98 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा 80 से 83 सीटों पर ही अपने-अपने प्रत्याशी खडे किये जायेंगे. यद्यपि राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार बनने के बाद मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शिवसेना को लेकर कुछ स्वीकार्यता बढी है और कई मुस्लिम कार्यकर्ताओं द्वारा शिवसेना की सदस्यता ली गई है. किंतु इससे वोटों का गणित नहीं साधा जा सकता. यह बात शिवसेना को भी अच्छी से पता है. वहीं मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भाजपा का कोई जनाधार या वोट बैंक ही नहीं है. ऐसे में भाजपा द्वारा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में प्रत्याशी खडे करने या चुनाव लडने का सवाल ही नहीं उठता. वहीं दूसरी ओर सेक्यूलर दल के रूप में पहचान रखनेवाले कांग्रेस व राकांपा द्वारा शहर की सभी सीटों पर चुनाव लडा जा सकता है. इसके अलावा केवल मुस्लिम वोटों व मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर पकड रखनेवाली एमआईएम तथा मुस्लिम लीग जैसी पार्टियों द्वारा शहर सहित बडनेरा उपनगर की लगभग 20 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी खडे किये जा सकते है. जहां पर उनका सामना कांग्रेस व राकांपा के प्रत्याशियों से ही होना तय है, क्योंकि इन सीटों पर शिवसेना व भाजपा के प्रत्याशी शायद ही चुनाव लडे. वही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के वोटों का प्रभाव रहनेवाली सीटों पर बसपा व रिपाइं जैसे दलों द्वारा भी अपने उम्मीदवार खडे किये जा सकते है.

* आरक्षण की स्थिति और कामों के लेखा-जोखा पर होंगे निर्णय
इस समय भाजपा सहित अन्य दलों के अधिकांश मौजूदा पार्षद मनपा का आगामी चुनाव लडने के इच्छूक बताये जा रहे है. किंतु फिलहाल केवल प्रभागों का परिसिमन ही तय हुआ है और अभी आरक्षण को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. ऐसे में यह तय नहीं है कि, कौनसा प्रभाग अनुसूचित जाति या जनजाति के लिए आरक्षित रहेगा तथा कहां पर महिला आरक्षण लागू होगा. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छुकों में काफी हद तक संभ्रम की स्थिति देखी जा रही है. किंतु हर कोई संभावित संभावना को ध्यान में रखते हुए अपनी ओर से हर संभव तैयारी में जुटा हुआ है. वहीं दूसरी ओर पार्टी पदाधिकारियों द्वारा भी दुबारा चुनाव लडने के इच्छुक पार्षदों के कामों का लेखा-जोखा खंगाला जा रहा है. जिसके आधार पर आरक्षण की स्थिति साफ होने के बाद टिकट वितरण को लेकर कोई निर्णय लिया जायेगा.

* ये हैं भाजपा से चुनाव लडने के इच्छुक
इस समय भाजपा के पास चुनाव लडने के इच्छुकों का जबर्दस्त जमघट है. जिनमें मौजूदा 39 पार्षदों का भी समावेश है. दैनिक अमरावती मंडल को मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा के पास अतुल तीरथकर, रवि कोल्हे, कार्तिक सामदेकर, गजानन देशमुख, मंगेश खोंडे, लता देशमुख, छाया अंबाडकर, श्रध्दा गहलोत, सविता ठाकरे, राजू राजदेव, शिल्पा पाचघरे, डॉ. ढोबले, राजू मेटे, राजू किटुकले, जगदीश तांबे, कौशिक अग्रवाल, नरेेंद्र देशमुख, शिव अग्रवाल, निलेश कांजे, किशोर जाधव, धीरज बारबुध्दे, सागर महल्ले, रिता मोकलकर, गंगा खारकर, वनमाला सोनोने, अविनाश देउलकर, मनीष आत्राम, प्रकाश ढोपे, अलका सरदार, सचिन टाके, संजय आठवले, रश्मी नावंदर, प्रवीण वैश्य, तुषार वानखडे, मिलींद बांबल, सीमेश श्रॉफ, आत्माराम पुरसवानी, सुरेश पोपली, रिना देशमुख, अरूण कालबांडे, भारत महल्ले, प्रणय कुलकर्णी, संजय अग्रवाल, योगेश वानखडे, विवेक चुटके जैसे इच्छुकों के दावे पहुंच चुके है.

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