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जेनेरिक दवाओं के जरिए भी ‘भाजप’ का प्रचार

प्रत्येक जनऔषधी केंद्र पर पीएम मोदी की तस्वीर

* भारतीय जनऔषधी परियोजना के संक्षिप्त रुप में ‘भाजप’ का नाम
अमरावती /दि.14- केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधी परियोजना के जेनेरिक मेडिकल स्टोअर एवं वहां पर बेची जाने वाली दवाओं के जरिए पीएम मोदी व भाजपा का प्रचार होने को लेकर ऐन लोकसभा चुनाव के मुहाने पर नया विवाद पैदा होने के संकेत दिखाई दे रहे है. क्योंकि ऐसे सभी मेडिकल स्टोअर के बोर्ड पर पीएम मोदी की तस्वीर लगी हुई है. साथ ही बोर्ड सहित इन केंद्रों के जरिए बेची जाने वाली दवाओं के स्टीकर पर ‘भारतीय जनऔषधी परियोजना’ को इस तरह से मुद्रीत किया गया है, जो संक्षिप्त रुप में ‘भा.ज.प.’ दिखाई देता है.
उल्लेखनीय है कि, भारतीय जनता पार्टी का संक्षिप्त नाम ‘भाजप’ है. वहीं ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधी परियोजना’ के प्रथम अक्षरों को जोडकर इसका संक्षिप्त नाम भी ‘पी.एम.-भा.ज.प.’ किया गया है. इन जनऔषधी केंद्रों के बोर्ड सहित यहां से बेची जाने वाली दवाओं के पैकेट व बोटल पर भी देवनागरी में योजना के नाम के प्रथम अक्षर ‘भा.ज.प.’ को भगवा रंग में स्वतंत्र रुप से एक के नीचे एक वाली पद्धति में लिखा गया है तथा शेष शब्द नीले रंग में है, इसके अलावा सबसे उपर हरे रंग में ‘प्रधानमंत्री’ शब्द लिखा गया है. जिसके चलते ‘भाजप’ यह शब्द पूरी तरह से उभरकर दिखाई देता है.
ज्ञात रहे कि, पहले इस योजना में ‘परियोजना’ शब्द शामिल नहीं था. परंतु ‘भाजप’ यह शब्द जोड बने. इस हेतु इस योजना का नाम बदलकर इसमें ‘परियोजना’ शब्द जोडा गया. ऐसा आरोप विगत लंबे समय से कांग्रेस द्वारा लगाया जाता रहा है.

* सालभर दौरान 1 हजार करोड की दवा विक्री
इन जेनेरिक मेडिकल स्टोअर में दवाओं की आपूर्ति फार्मासिटीकल्स एण्ड मेडिकल डिवाईसेस ब्यौरा ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) इस सरकारी एजेंसी के जरिए की जाती है और यहां से ग्राहकों को बेहद कम किमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधी योजनांतर्गत विगत एक वर्ष के दौरान देशभर में 1 हजार करोड रुपयों की दवाईयों और साहित्य की विक्री हुई. साथ ही इस योजना के जरिए विगत 9 वर्षों के दौरान नागरिकों द्वारा दवाओं पर किये जाने वाले खर्च में 25 हजार करोड रुपयों की बचत हुई, ऐसा दावा केंद्र सरकार द्वारा किया गया है.

* ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधी परियोजना’ को लेकर विवाद होने के संकेत दिखाई दे रहे है. क्योंकि इस योजना का ‘पी.एम.-भा.ज.प.’ ऐसा संक्षिप्त स्वरुप जनऔषधी केंद्रों के बोर्ड सहित दवाओं पर अंकित रहने के चलते विपक्षी दलों द्वारा इसे लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई जा रही है.

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