भाजपा के सिद्धार्थ वानखडे प्रहार में शामिल
दर्यापुर में भाजपा व महायुति को एक और झटका
* विधायक बच्चू कडू ने बनाया तीसरी आघाडी का प्रत्याशी
* सिद्धार्थ वानखडे के नाम प्रहार का ए-बी फॉर्म हुआ जारी
* जल्द प्रहार प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरेंगे वानखडे
* विधायक रमेश बुंदिले के बाद अब वानखडे ने पकडा अलग रास्ता
अमरावती/दर्यापुर /दि.25- जैसे-जैसे विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे तोडफोड वाली राजनीतिक उथल-पुथल का दौर तेज होता जा रहा है. इसके तहत आज दर्यापुर से वास्ता रखने वाले जिला भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी सिद्धार्थ वानखडे ने भाजपा से अपना दामन छूडाते हुए विधायक बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी में प्रवेश कर लिया और इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने सिद्धार्थ वानखडे का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें प्रहार पार्टी की ओर से दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में तीसरी आघाडी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया. साथ ही विधायक बच्चू कडू ने सिद्धार्थ वानखडे के नाम प्रहार पार्टी का ए-बी फॉर्म भी जारी कर दिया. जिसके चलते अब सिद्धार्थ वानखडे जल्द ही प्रहार प्रत्याशी के तौर पर दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. सिद्धार्थ वानखडे के पाला बदल लेने के दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा सहित महायुति के लिए दूसरा जबर्दस्त झटका माना जा रहा है. बता दें दो दिन पूर्व ही दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा नेता व पूर्व विधायक रमेश बुंदिले ने भाजपा छोडकर महायुति का ही घटक दल रहने वाले युवा स्वाभिमान पार्टी में प्रवेश कर लिया था. वहीं अब भाजपा नेता सिद्धार्थ वानखडे ने भी ऐन विधानसभा चुनाव के मुहाने पर पाला बदल लिया है.
ज्ञात रहे कि, महायुति के तहत दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र शिंदे गुट वाली शिवसेना के हिस्से में छूटा है और शिंदे गुट ने दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व क्षेत्र के पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल को प्रत्याशी घोषित किया है. जिन्होंने कल जबर्दस्त शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपना नामांकन भी दाखिल कर लिया है. जबकि दर्यापुर भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा इस बार महायुति के तहत दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के कोटे में रखे जाने की मांग उठाई जा रही थी तथा भाजपा की ओर से कई दावेदार भी टिकट की रेस में ंथे. जिनके द्वारा पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल को ‘बाहरी व्यक्ति’ बताते हुए उनकी दावेदारी का विरोध भी किया जा रहा था. लेकिन इसके बावजूद यह सीट शिंदे गुट वाली शिवसेना के हिस्से में ही छूटी और शिंदे गुट द्वारा तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल को ही दर्यापुर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया गया. जिसके चलते चुनाव लडने की तैयारी में रहने वाले भाजपा के नेताओं में काफी हद तक नाराजगी फैल गई. जिसके परिणाम स्वरुप अब दर्यापुर में भाजपा के भीतर दोफाड व पलायन वाली स्थिति देखी जा रही है. जिसके चलते जहां गत रोज दर्यापुर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक रमेश बुंदिले ने भाजपा छोडकर विधायक रवि राणा के नेतृत्ववाली युवा स्वाभिमान पार्टी में प्रवेश कर लिया था. वहीं आज जिला भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी व टिकट के प्रबल दावेदार सिद्धार्थ वानखडे ने पाला बदलकर विधायक बच्चू कडू के नेतृत्ववाली प्रहार जनशक्ति पार्टी का दामन थाम लिया है और विधायक बच्चू कडू ने भी सिद्धार्थ वानखडे का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें प्रहार पार्टी की ओर से तीसरी आघाडी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया तथा सिद्धार्थ वानखडे को प्रहार पार्टी का ए-बी फॉर्म भी सौंप दिया. जिसके चलते अब जल्द ही सिद्धार्थ वानखडे द्वारा दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से प्रहार पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया जाएगा.
* भाजपा को 2 दिन में दूसरा जबर्दस्त नुकसान
विशेष उल्लेखनीय है कि, दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र को महायुति के तहत शिंदे गुट वाली शिवसेना के हिस्से में छोडे जाते ही भाजपा को दो दिन के भीतर दो बडे झटके सहने पडे है. जिसके तहत जहां सीट बंटवारे को लेकर घोषणा होते ही दर्यापुर क्षेत्र के पूर्व विधायक रमेश बुंदिले ने भाजपा छोडने का ऐलान किया और युवा स्वाभिमान पार्टी का दामन थामा. वहीं आज जिला ग्रामीण भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी सिद्धार्थ वानखडे ने भी भाजपा को ‘जय श्रीराम’ करते हुए पाला बदल लिया है और अब सिद्धार्थ वानखडे प्रहार जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गये है. जिन्हें विधायक बच्चू कडू ने प्रहार पार्टी की ओर से तीसरी आघाडी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. जिसके चलते अब तक भाजपा में शामिल रहे सिद्धार्थ वानखडे अब भाजपा का समावेश रहने वाली महायुति को दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनौती देते नजर आएंगे.
– केंद्रीय मंत्री अमित शाह की घटक दलों को सलाह के बाद
* पूर्व विधायक बुंदिले का चुनाव लडना संदिग्ध
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही राजनीति दिल्ली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार के साथ महायुति को लेकर हुई चर्चा में भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर चेताया था कि, यदि महायुति के किसी घटक दल का कोई नेता व पदाधिकारी बगावत करता है, तो उसे महायुति के किसी अन्य घटक दल द्वारा अपनी पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए और ऐसे लोगों को प्रत्याशी भी नहीं बनाया जाना चाहिए. जिसके चलते दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक रमेश बुंदिले का पाला बदलकर महायुति का ही हिस्सा रहने वाली युवा स्वाभिमान पार्टी में शामिल होने का फिलहाल कोई फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा. क्योंकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा दी गई चेतावनी के मुताबिक महायुति में शामिल रहने वाली युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा भाजपा से अलग होने वाले पूर्व विधायक रमेश बुंदिले को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में इस समय तो रमेश बुंदिले का चुनाव लडना कुछ हद तक संदिग्ध दिखाई दे रहा है.