काली बुरशी है घातक, मस्तिष्क में जाने पर खतरा
कमजोर रोगप्रतिकारक शक्ति वालों के लिए खतरा ज्यादा

अमरावती/दि. 4 – म्युकरमायकोसिस नामक बीमारी काले रंग की बुरशी यानी फकुंद की वजह से होती है. यह फकुंद रक्तवाहिनी रहनेवाली धमनियों में विकसीत होती है और रक्त के जरिए इसका पूरे शरीर में प्रसार होता है. रक्त आपूर्ति बंद पडने पर यह पेशियां मर जाती है और फिर इन पेशियों के सडने की शुरुआत होती है. ऐसे में इस बीमारी के चलते मरीज को जीते-जी मरणयातना भुगतनी पडती है.
म्युकरमायकोसिस की बीमारी बुरशीजन्य रहने के चलते श्वसन के जरिए शरीर में प्रवेश करती है. जिस व्यक्ति की रोगप्रतिकार शक्ति कम रहती है ऐसे व्यक्ति को यह बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है. साथ ही संक्रमन की चपेट में आए शरीर के हिस्से को शल्यक्रिया के जरिए काटकर बाहर निकालना जरुरी होता है. साथ ही साथ इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही बीमारी का समय रहते इलाज करना भी जरुरी होता है.
* बुरशीजन्य है बीमारी
म्युकरमायकोसिस एक तरह से काली बुरशी का प्रकार है और एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है. रायनो, हरबायटो व सेरट्रेल जैसी फफुंद से इस बीमारी का संसर्ग होता है.
* लगातार नाक के बहने व आंखों में सुजन
इस बीमारी में सर्दी, सिरदर्द, नाक की त्वचा के काली पडने, छीकते समय नाक से काला द्रव्य बाहर आने और शरीर में बुखार रहने जैसे लक्षण दिखाई देते है.
* नाक व आंखों से मस्तिष्क तक पहुंच
म्युकरमायकोसिस का संक्रमन नाक व आंखों से मस्तिष्क तक पहुंचता है और एक बार इस बीमारी के मस्तिष्क तक पहुंच जाने पर इस बीमारी के चलते मरीज की मौत होने का भी खतरा होता है. अत: इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत स्वास्थ जांच करते हुए इलाज शुरु करना चाहिए.
* क्या सतर्कता जरुरी
म्युकरमायकोसिस के मरीजों पर समय रहते शल्यक्रिया किए जाने की जरुरत होती है. सायनस क्लियरिंग के लिए एन्ड्रोम्पोपिक सायनस सर्जरी करते हुए काली बुरशी को बाहर निकाला जा सकता है.
* आंखों की रोशनी जाने की संभावना
इस संक्रमन के आंखों तक चले जाने और समय पर इलाज नहीं होने की स्थिति में आंखों की रोशनी के हमेशा के लिए चले जाने की संभावना होती है. जिसके चलते इस बीमारी पर समय रहते इलाज करना जरुरी है.
* चार स्टेज वाली बीमारी, कैंसर से भी ज्यादा भयानक
चार स्टेज वाली म्युकरमायकोसिस नामक बीमारी कैंसर से भी ज्यादा भयानक है. जिसके संक्रमन की वजह से शरीर में अचानक ही शक्कर का प्रमाण बढने लगता है और डायबिटीज पूरी तरह से अनियंत्रित हो जाती है.
* म्युकरमायकोसिस एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है. जो बेहद घातक है. ऐसे में नाक, मुंह व दातों सहित शरीर की नियमित स्वच्छता रखनी चाहिए, ताकि काली बुरशी से कोई तकलीफ न हो.
– डॉ. मंगेश मेंढे
ईएनटी विशेषज्ञ.