गरीबों के निवाले की हो रही कालाबाजारी, दक्षता समिति का पता नहीं
जिले के 788 गांवों में दक्षता समिति के गठन का नहीं निकला मुहूर्त
* सरकार व प्रशासन की भी दक्षता समिति को लेकर अनदेखी
अमरावती/दि.17– सरकारी राशन की आपूर्ति व वितरण का काम पारदर्शक पद्धति से हो तथा इसमें कही कोई अनियमितता न हो. साथ ही प्रत्येक लाभार्थियों को सरकारी राशन का अनाज मिले. इस पर नजर रखने हेतु प्रत्येक गांव में दक्षता समिति का गठन किया जाता है. परंतु अमरावती जिले में गांव, नगर परिषद व मनपा स्तर पर दक्षता समितियों का अब तक गठन ही नहीं हुआ है. साथ ही सरकार व प्रशासन द्वारा भी इसकी ओर अनदेखी की जा रही है. जिसके चलते दक्षता समिति के गठन को लेकर जारी शासनादेश केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गया है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर अंकुश रहे, वितरण प्रणाली सुलभ व पारदर्शक हो, राशन कार्ड धारकों की शिकायतों का निपटारा तेज गति से हो, इस हेतु प्रत्येक गांव में दक्षता समितियों का गठन किया जाता है. प्रत्येक पात्र राशन कार्ड धारक को सस्ते सरकारी राशन का अनाज मिले. यह देखना दक्षता समिति की जिम्मेदारी होती है. परंतु दक्षता समिति ही अस्तित्व में नहीं रहने के चलते इन तमाम बातों की अनदेखी हो रही है. साथ ही कही न कही गरीबों के हक के निवाले की कालाबाजारी भी हो रही है
जिले में गांव स्तर पर 773, नगर परिषद स्तर पर 14 व मनपा स्तर पर 1 ऐसी कुल 778 दक्षता समितियां अस्तित्व में रहनी चाहिए. क्योंकि फिलहाल नगर परिषदों व महानगरपालिकाओं में प्रशासक राज चल रहा है. जिसके चलते नप व मनपा स्तर पर दक्षता समितियों का गठन नहीं किया जा सका है.
* ग्राम सभा से किया जाता है चयन
राशन धान्य की आपूर्ति व्यवस्थित हो रही है अथवा नहीं इस पर ध्यान रखने हेतु दक्षता समितियों के सदस्यों का चयन ग्रामसभा के जरिए किया जाता है.
* कौन बन सकता है समिति का अध्यक्ष
जिले में 778 दक्षता समितियों का गठन किया जा सकता है. इन समितियों के अध्यक्ष पद पर सरपंच, नगराध्यक्ष व महापौर की नियुक्ति की जाती है. वहीं ग्रामसेवक, पटवारी व पुलिस पाटिल को गांव स्तर की दक्षता समितियों में बतौर सदस्य शामिल किया जाता है.
* कितना होता है समिति का कार्यकाल?
दक्षता समिति का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है और कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद नई कार्यकारिणी का चयन दोबारा ग्रामसभा के जरिए ही किया जाता है.
* जिले में एक भी समिति का गठन नहीं
जिले में मनपा स्तर पर 1, नगर परिषद व नगर पंचायत स्तर पर 14 तथा गांव स्तर पर 773, दक्षता समितियों का गठित होना जरुरी है. परंतु हकीकत में इस समय जिले में एक भी समिति अस्तित्व में नहीं है.
* प्रतिमाह बैठक व तहसीलदार को रिपोर्ट
दक्षता समिति की बैठक प्रतिमाह ली जानी चाहिए, ऐसा सरकार की ओर से जारी परिपत्रक में कहा गया है. साथ ही समिति की बैठक की रिपोर्ट तहसीलदार को देना जरुरी होता है. लेकिन जिले में एक भी दक्षता समिति अस्तित्व में नहीं रहने के चलते कही कोई बैठक नहीं हो रही. साथ ही राशन दुकानदारों के कामकाज पर किसी की कोई नजर भी नहीं है.
* गांव में समिति नहीं शिकायत कहा करे?
यदि गांव में दक्षता समिति नहीं है, तो इससे संबंधित शिकायत तहसीलदार के पास की जा सकती है.
इन दिनों ई-पॉस मशीन को लेकर आने वाली दिक्कतों सहित अन्य शिकायतों पर किसी का भी कोई ध्यान नहीं है.
* जिले में फिलहाल कही कोई दक्षता समिति अस्तित्व में नहीं है. ज्यादातर स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं पर प्रशासक राज चल रहा है. इस संदर्भ में सरकार की ओर से निर्देश प्राप्त होते ही समितियों का गठन किया जाएगा.
– प्रज्वल पाथरे,
सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी.