खाद, बीज की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं
मेलघाट व दुर्गम क्षेत्रों में बारिश से पहले बीज व खाद पहुंचाने के निर्देश
* किसान परिवारों के पोषण पर भी विशेष ध्यान
* कृषि मंत्री दादाजी भुसे के जायजा बैठक में निर्देश
अमरावती/दि.30 – फसल उपज के लिए किसानों को खाद, बीज के साथ समय पर फसल कर्ज उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. बुआई के समय खाद और बीज की कालाबाजारी को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आती है. लेकिन अब खाद व बीज की कालाबाजारी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसी चेतावनी देते हुए संबंधितों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने दिये. जिलाधीश कार्यालय के नियोजन भवन मेें खरीप फसल की संभागीय जायजा बैठक कृषि मंत्री ने की. बैठक में कृषि सचिव एकनाथ डवले, कृषि आयुक्त धीरजकुमार, संभागीय आयुक्त पियुष सिंह, जिलाधीश पवनीत कौर, निमा अरोरा, अमोल येडगे, यश रामामूर्ति, सीईओ अविश्यांत पंडा, संभागीय कृषि सहसंचालक किसन मुले आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
बैठक में कृषि मंंत्री ने कहा कि, खरीप फसल का नियोजन करते समय हर जिले की विशेषता अनुसार संबंधित अनाज के बुआई क्षेत्रों को बढाने पर अधिक बल दिया जाए. कोरोना काल में पारंपारिक अनाज की फसल, वन सब्जियों पर नागरिकों का अधिक जोर रहा. फसल बुआई के लिए किसानों द्बारा खाद की सर्वाधिक मांग की जा रही है. इसके लिए सुक्ष्म नियोजन किया जाए. जिला प्रशासन व जिला परिषद की नियमित रिपोर्ट राज्य सरकारों को उपलब्ध हो, ताकि हर जिले की खाद की उपलब्धता और मांग का नियोजन किया जा सके. उसी प्रकार किसानों द्बारा बीज प्रक्रिया चलायी जाए, जैविक खाद का इस्तेमाल, ठिंबक सिंचाई योजना, झिंक व मैग्नेशियम का इस्तेमाल करने प्रोत्साहन फसल निहाय खाद व युरिया के इस्तेमाल पर मार्गदर्शन करने का आवाहन भी उन्होंने किया.
* महिला किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं
राज्य सरकार द्बारा महिला किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही है. महिला किसान के परिवारों को पोषण आहार के लिए विभिन्न प्रकार के बीज उपलब्ध करवाये जाते है, ताकि अनाज बुआई करने वाले किसानों द्बारा उत्पादित खेत उपज की पोष्टिकता बनी रहे. हर घर की किसान महिला का नाम सातबारा पर पंजीयन होना आवश्यक है. ताकि महिला किसान व खेत मजदूरों को सम्मान योजना से लाभान्वित करने का लाभ मिलेगा.
* 5 से 23 मई तक कृषि केंद्रों की जांच
कृषि विभाग द्बारा 5 से 23 मई के बीच खाद, युरिया व अन्य औषधियों की बिक्री करने वाले कृषि केंद्रों की जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश कृषि मंत्री भुसे ने दिये है. एक भी जरुरतमंद किसान फसल कर्ज से वंचित न रहे. इस पर अधिक बल देने की बात कृषि मंत्री भुसे ने कहीं.
* प्रगत किसानों को प्रोत्साहन
जिले के प्रगत किसान कृषि विशेषज्ञ के माध्यम से किसानों को मार्गदर्शन दिया जाये, पारंपारिक फसलों के साथ तृती पौधा रोपन, ओवा, मोहरी, हल्दी, पानपिंपरी, सिताफल जैसे फल उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो बिकेगा उसी की बुआई होगी. इसके तहत किसानों को फसल बुआई के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश भी कृषि मंत्री ने दिये.
* संभाग में 32.39 लाख हेक्टेअर पर खरीफ की बुआई
संभाग में 32.39 लाख हेक्टेअर खरीफ क्षेत्र है. जिसमें 9.94 लाख हेक्टेअर कपास, 15.03 लाख हेक्टेअर सोयाबीन, 4.34 लाख हेक्टेअर तुअर का उत्पादन होता है. 6.57 लाख मेट्रीन टन खाद के आवंटन को मंजूरी दी गई है. वर्तमान में 10.94 लाख क्विंटल सोयाबीन बीज की आवश्यकता है. ग्राम बीज उत्पादन द्बारा किसानों को 16.49 लाख क्विंटल घरेलू सोयाबीन बीज उपलब्ध है. जिसके कारण सोयाबीन बीज की किल्लत नहीं होगी, ऐसी जानकारी कृषि मंत्री ने दी. कार्यक्रम में कृषि मंत्री के हाथों कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसान पुर्निमा सवई, भानुदास वनारे, दादाराव हाटकर का सम्मान किया गया. साथ ही कृषि विभाग के पोस्टर का विमोचन किया गया.