चिखलदरा में खुलेआम हो रही पेट्रोल की कालाबाजारी
पेट्रोल पंप के पास ही ब्लैक में बेचा जाता है पेट्रोल
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पेट्रोल पंप पर आधे से अधिक समय लटका रहता है ताला
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एक माह पूर्व ही पेट्रोल पंप पर लगायी गयी थी सील
चिखलदरा/दि.12 – विदर्भ क्षेत्र के एकमात्र पर्यटन स्थल चिखलदरा के विकास हेतु यूं तो नेताओं एवं प्रशासन द्वारा काफी बडी-बडी बातें की जाती है. लेकिन हकीकत यह है कि, यहां पर जीवनावश्यक वस्तुओं एवं मुलभुत सुविधाओं की भारी कमी है. जिनकी ओर किसी के भी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता. इसमें सबसे बडा उदाहरण चिखलदरा के पेट्रोल पंप का दिया जा सकता है, जो विगत 14 वर्षों से सरकारी रिकॉर्ड पर तो है, मगर यह पेट्रोल पंप आधे से भी कम समय के लिए खुला रहता है. वहीं इस पेट्रोल पंप के पास ही इसी पंप पर काम करनेवाले लडके उंची दरों पर ब्लैक में पेट्रोल बेचते है. जिससे खुलेआम चिखलदरा वासियों की लूट की जा रही है.
बता दें कि, यवतमाल निवासी कुमरे नामक व्यक्ति द्वारा चिखलदरा में 14 वर्ष पूर्व पेट्रोल पंप शुरू किया गया था. मगर यह पेट्रोल पंप साल में बडी मुश्किल सात-आठ महिने ही खुला रहता है. इसमें भी आये दिन पेट्रोल खत्म होने और मशीन खराब हो जाने की वजह आगे करते हुए इस पेट्रोल पंप पर ताला लटका रहता है. वहीं इस पंप पर काम करनेवाले कुछ कर्मचारी पेट्रोल पंप के पास ही बोतलों में भरकर पेट्रोल की कालाबाजारी करते है.
बता दें कि, चिखलदरा शहर से इस तहसील के 140 आदिवासी गांव जुडे हुए है. साथ ही यहां पर बडी संख्या में पर्यटकों का भी आना-जाना लगा रहता है. इस बात का पूरा फायदा चिखलदरा के एकमात्र पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा उठाया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, लगातार मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए एक माह पूर्व ही तहसील एवं पुलिस महकमे द्वारा पेट्रोल की कालाबाजारी करनेवाले लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार करते हुए इस पेट्रोल पंप पर सील लगा दी गई थी. पश्चात कुछ दिनों बाद इस सील को खोल दिया गया और यहां पर पेट्रोल का टैंकर भी आया. मगर आठ दिन बाद एक बार फिर वहीं पुरानी कहानी शुरू हो गयी. जिसके तहत पेट्रोल पंप पर बंद का बोर्ड लटका दिया गया है और पंप के बगल में खुलेआम पेट्रोल बिक रहा है. ऐसे में चिखलदरावासियोें में इस पेट्रोल पंप को लेकर जबर्दस्त नाराजगी देखी जा रही है, और लोगबाग इस पेट्रोल पंप के खिलाफ बेहद कडी व सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग कर रहे है.