अमरावती

खुलेआम हो रही राशन अनाज की कालाबाजारी

निजी व्यापारी दलालों के माध्यम से खरीद रहे चावल

  • लाभार्थी 3 रुपए किलो का चावल बेच रहे 10 रुपए किलो

अमरावती/दि.16 – शासन की ओर से गरीबों को मिलने वाला राशन दूकानों का अनाज खुलेआम बाजारों में बेचा जा रहा है. लाभार्थियों को राशन दूकान से 3 रुपए किलों में मिलने वाला चावल खुले बजारों में 10 से 15 रुपए किलो में लिया जा रहा है. राशन के अनाज की खरीदी व्यापारियों व्दारा की जा रही है. व्यापारियों व्दारा ग्रामीण क्षेत्र के गांवों में तथा शहरों में दलाल नियुक्त किए है इन दलालों व्दारा जिलेभर से हर रोज सैकडों क्विंटल चावल जमा किया जाता है.
राशन का चावल लाभार्थी खुद व्यापारियों को बेच रहे है. गेहूं और चावल की खरीदी करने वाला यह रैकेट ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्र में भी सक्रिय है. व्यापारियों व्दारा बाजारों में छोडे गए दलाल लाभार्थियों से 3 रुपए किलो मिलने वाला चावल 10 से 15 रुपए किलों में खरीदते है.
यह दलाल जिलेभर के ग्रामीण क्षेत्रों में घुमकर चावल जमा करते है. एक दिन में 10 से 15 किलो चावल खरीदी कर व्यापारियों को दिया जाता है और व्यापारी यहां का चावल जमा कर ट्रक मे भरकर भंडारा, और गोदिंया के लिए रवाना करता है. वहीं चावल फिल्टर होकर शासन को या फिर खुले बाजारों में 35 रुपए किलो तक बेचा जाता है. जिलेभर में यह व्यवसाय खुलेआम चल रहा है.

गेहूं के लिए बेच रहे चावल

शासन की ओर से भरपूर चावल दिया जा रहा है. किंतु यह हमारा खाद्य नहीं है. चावल की बजाए गेहूं के लिए हम चावल व्यापारियों को बेच देते है.
– एक लाभार्थी

जिले के बाहर भिजवाया जा रहा चावल

चावल की जमाखोरी कर इसे जिले के बाहर ले जाने की घटनाएं अनेकों बार सामने आयी है. इसके पहले भी चावल का बडा स्टॉक पकडा गया था.

कोरोना काल में जरुतमंदों को मुफ्त में अनाज

कोरोना काल में केंद्र सरकार व्दारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरु की गई थी. इस योजना अंतर्गत जरुरतमंद व्यक्ति को 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा था जिसमें 3 किलो गेहूं व किलो चावल का सामवेश था.

शिकायत प्राप्त होने पर की जाएगी कार्रवाई

केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जरुरतमंद लाभार्थियों को राशन दुकान के माध्यम से अनाज की आपूर्ति की जाती है. इस प्रकार से अनाज की बिक्र के संदीर्भ में आपूर्ति विभाग को सिकी पभी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
– अनिल टाकसाले, जिला आपूर्ति अधिकारी

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