धामणगांव रेलवे/दि.31- निर्यात बंदी के कारण चावल सस्ते होंगे ऐसा केंद्र स्तर पर कहा जाता है. प्रत्यक्ष में वर्तमान स्थिति में बाजार में वैसी परिस्थिति नहीं रही तो भी बढे चावल के दाम कब कम होंगे, ऐसा सवाल अनेको में है. मानसून के पूर्व ही अनेक लोग गेहूं, ज्वारी, चावल आदि सालभर के अनाज की खरीदी करते है. लेकिन हर वर्ष मानसून शुरु होने के बाद भी चावल की खरीदी करने प्राथमिकता दी जाती है. इस कारण चावल के भाव कब कम होंगे ऐसा सवाल आम नागरिकों में है.
* निर्याद बंदी का होगा लाभ?
निर्याद बंदी के कारण चावल सस्ता होगा, ऐसा कहा जात है. इसके पूर्व खरीदी किए चावल अथवा वर्तमान में नए आ रहे चावल के भंडार को ध्यान में रखते हुए यह भाव बढे हुए ही दिखाई दे रहे हैं.
* यहां से आता है चावल
नागपुर, चंद्रपुर, निजामाबाद, रायपुर तथा आंद्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ इलाकों से अमरावती शहर समेत जिले में चावल की आवक होती है ऐसा शहर के व्यापारियों ने कहा.
* वर्तमान में किस चावल के कितने दाम
काली मूंछ : 55 रुपए (प्रति किलो)
कोलम : 55 से 65 रुपए (प्रति किलो)
बासमती : 80 से 200 रुपए (प्रति किलो)
पांच रुपए बढे दाम : वर्तमान में चावल के 5 रुपए प्रति किलो दाम बढे है. इस कारण 1 क्विंटल पर 500 रुपए बढोतरी हुई है. ऐसी स्थिति में चावल खरीदी करते समय ग्राहक विचार करते हैं.
आवश्यक के मुताबिक करते हैं ग्राहक खरीदी : चावल के सभी प्रकार में ग्राहकों व्दारा अपनी आवश्यकता के मुताबिक चावल की खरीदी की जाती है. कुछ लोग साल का अनाज एक बार ही लेते समय चावल भी उसी तरह खरीदी करते हैं.
सभी खाद्य पदार्थो के भाव बढे : विविध तरह की दाल, गेहूं, ज्वारी समेत तेल, उपवास का साहित्य आदि सभी पदार्थ के भाव बढे दिखाई देते है इस कारण यह भाव कब कम होंगे, ऐसा सवाल आम नागरिकों में है.
* चावल व्यवसायी
अनेक नागरिक पूरे वर्ष के लिए चावल घर में लाकर रखते है. ऐसे नागरिकों को इस तरह भाव बढने से कोई फर्क नहीं पडता. आम नागरिकों पर चावल दरवृद्धि का असर पडता है.
– संतोष मुंधडा, धामणगांव रेलवे
फिलहाल बाजार में 5 रुपए चावल महंगा हुआ है. इस 5 रुपए का प्रत्यक्ष में फर्क नागरिकों पर पडने वाला है. खाने में आवश्यक घटक चावल सस्ता होना जरुरी है.
– रवि कुकरेजा, धामणगांव रेलवे