अमरावती

शिक्षक बने बीएलओ छात्रों की पढ़ाई से खिलवाड़

सैंकड़ों छात्रों हुए पढ़ाई से प्रभावित

रिद्धपुर-/ दि.17  महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग की ओर से इन दिनों मतदान यादी से आधार कार्ड को लिंक करने का कार्य तेज गति से शुरू है इस कार्य के लिए चुनाव आयोग ने सभी क्षेत्रों बुथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति की है मतदान यादी से आधार कार्ड को जोड़ने का मकसद यह है कि, मतदाता को चुनाव के समय अपना कीमती वोट देने में कोई दिक्कत ना हो इस कार्य के लिए महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग की ओर से सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति बूथ लेवल ऑफिसर बीएलओ के रूप में की गई है तलाठी ओ को भी यह काम सौंपा गया है.
1 अगस्त से निर्वाचन आयोग के आदेश पर शिक्षकों को पटवारी बनकर होम टू होम घूम कर मतदान यादी के मुताबिक आधार कार्ड को मतदान सूची से जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है. यह कार्य बीएलओ को ऑनलाइन करना होता है. नेट ठीक ना चलने के कारण शिक्षक बीएलओ कभी-कभी 1 दिन में केवल 10 आधार कार्ड ही मतदान सूची से जोड़ पाता है. ये कार्य शिक्षक स्कूल छोड़कर टू होम पहुंच कर करना पड़ता है, ऐसे में कुछ मतदाता अपनी रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जा चुके होते हैं तो, कुछ जिले से बाहर जाने की जानकारी भी मतदाताओं के घर से प्राप्त होती है. कई मतदाताओं के पास ठीक से आधार कार्ड भी नहीं है, ऐसे में शिक्षकों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और शिक्षक अपने छात्रों को नहीं पड़ा पाते हैं. जिससे जिले के सैकड़ों छात्रों के शिक्षण के साथ खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है. कोरोना के चलते पिछले 2 वर्षों से इन छात्रों को बिना कोई परीक्षा के पास कर दिया गया है और सामने बाली कक्षा में इनका एडमिशन हो चुका है. फिलहाल जिला परिषद की स्कूलों में छात्र पूरी तरह शिक्षण से वंचित हो चुके हैं. 2015-16 मैं इसी संबंध में एक याचिका भी दायर की गई थी. जिसके जजमेंट में यह उल्लेख किया गया था कि, आपातकाल में ही शिक्षकों की इस कार्य के लिए नियुक्ति की जा सकती है. एक जजमेंट में यह भी साफ किया गया है कि, मतदान वाले दिन और मतगणना के दिन ही शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है.
चुनाव अधिकारी द्वारा सख्ती
शिक्षक बीएलओ को चुनाव अधिकारी की ओर से मतदान यादियों का काम दिए गए समय तक करने की सख्ती किये जाने के समाचार है. मतदान यादी से आधार कार्ड को लिंक करने के लिए किसी भी तरह की जनजागृति का कोई आयोजन निवडणूक अधिकारी की ओर से ग्राम स्थल पर अभी तक नहीं किया गया है. ग्राम पंचायत को भी को इसकी सूचना नहीं देने के समाचार है. जबकि इस कार्य के लिए ग्रामवासियों में जनजागृति होना बहुत जरूरी थी. इस कार्य के लिए सभी बीएलओ को मानधन के रूप में 3000 से बड़ा कर अब 5000 हजार कर दी गई है. ये मानधन राशि प्राप्त लिए भी ईन शिक्षक बीएलओ को पंचायत समिति के चक्कर काटने पड़ते है. शिक्षकों से यह कार्य ना करवाने बहुत जल्द उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किए जाने की बात कही जा रही है.

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