मौजूदा समय की जरुरत है रक्तदान
अमरावती/दि.13 – रक्तदान को सबसे श्रेष्ठदान समझा जाता है और रक्तदान की वजह से गंभीर स्थिति में रहने वाले किसी मरीज की जान भी बचाई जा सकती है. लेकिन अब भी रक्तदान को लेकर समाज में रहने वाली गलत फहमियों की वजह से कई लोग रक्तदान के लिए आगे नहीं आते. जिसके चलते सरकारी अस्पतालों में कई बार रक्त की किल्लत भी देखी जाती है. उल्लेखनीय है कि, सिकलसेल, थैलेसिमिया जैसी बीमारियों से पीडित मरीजों के साथ ही सडक हादसों का शिकार हुए लोगों को खून की जरुरत पडती है. ऐसे में इस तरह के मरीजों की जान बचाने के लिए लोगों का रक्तदान हेतु स्वयंस्फूर्त रुप से आगे आना बेहद जरुरी है.
* कौन सा ब्लड ग्रुप किसे चलता है?
– ए पॉजिटीव
यह रक्त गुट ए पॉजिटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी होती है.
– ए निगेटीव
यह रक्त गुट ए निगेटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी होता है.
– बी पॉजिटीव
यह रक्त गुट बी पॉजिटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी होती है.
– बी निगेटीव
यह रक्त गुट बी निगेटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी होता है.
– एबी पॉजिटीव
यह रक्त गुट केवल एबी पॉजिटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी रहता है.
– एबी निगेटीव
यह रक्त गुट केवल एबी निगेटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी रहता है.
– ओ पॉजिटीव
यह रक्त गुट ओ पॉजिटीव रहने वाले व्यक्ति के लिए ही उपयोगी रहता है.
– ओ निगेटीव
यह रक्त गुट सभी रक्त गुट वाले व्यक्तियों के लिए उपयोगी रहता है.
* ओ निगेटीव का स्टॉक कम
जिला सामान्य अस्पताल की सरकारी ब्लड बैंक में प्रतिवर्ष 9 से 10 हजार यूनिट रक्त संकलित होता है. परंतु इसमें ओ निगेटीव रक्त गुट का स्टॉक सबसे कम रहता है. उल्लेखनीय है कि, इर्विन अस्पताल की इसी ब्लड बैंक से जिले के सभी सरकारी ब्लड बैंकों में रक्त की आपूर्ति की जाती है.
* रक्तदान के चलते किसी की जान बचाई जा सकती है. यहीं वजह है कि, रक्तदान को श्रेष्ठदान भी कहा जाता है. जिला सामान्य अस्पताल में आने वाले जरुरतमंद मरीजों सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को इर्विन की ब्लड बैंक से ही रक्त की आपूर्ति की जाती है.
– डॉ. आशिष वाघमारे,
सरकारी ब्लड बैंक प्रमुख