अमरावतीमहाराष्ट्र

पीआर पोटे पाटिल कॉलेज में रक्तदाताओं ने दी शहीदों को श्रध्दांजलि

340 रक्तदाताओं ने किया रक्तदान

अमरावती/दि. 29-स्थानीय पीआर पोटे पाटिल अभियांत्रिकी महाविद्यालय के रासेयो और पीआर पोटे पाटिल एज्युकेशनल ग्रुप की तरफ से हर वर्ष के मुताबिक इस वर्ष भी आजादी का अमृत महोत्सव निमित्त भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में पीआर पोटे एज्युकेशनल ग्रुप के विविध महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बडे उत्साह के साथ 340 से अधिक रक्त संकलन कर शेड दिन निमित्त शहीदों को श्रध्दांजलि दी.
अमरावती जिले के थ्यालिसीमिया व सिकलसेल बीमारी के कारण बडी रक्त की कमतरता को दूर करने के लिए प्रमाणिक प्रयास संस्था की तरफ से किया गया. डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय तथा अमरावती जिला अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय में हाल ही में भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में रिम्स हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम राठी, रेनबो इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सायंस एंड रिसर्च अमरावती के अधिष्ठाता, अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी.पी. इंगोले आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे. अतिथियों ने इस अवसर पर अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए खुद भी रक्तदान कर विद्यार्थियों को रक्तदान करने प्रोत्साहित किया. इस अभियान के अमूल्य योगदान निमित्त सभी रक्तदाताओं को प्रशसकीय पत्र दिए गये. इस अवसर पर दोनों अस्पताल के वैद्यकीय दल का महाविद्यालय की तरफ से स्वागत किया गया. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग के कार्यक्रम अधिकारी प्रा. श्रीधर मेंढे व महिला कार्यक्रम अधिकारी प्रा. जया तट्टे ने तथा रासेयो स्वयंसेविकाओं ने किया. कार्यक्रम का संचालन श्रेयस भोजने ने किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर अधिकारी व कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे. शिविर के सफल आयोजन के लिए आयुर्वेदिक महाविद्यालय के डीन डॉ. श्यामसुंदर भूतडा, फार्मसी की प्राचार्या डॉ. दीप्ती रूइकर, नरसिंग कॉलेज के प्राचार्य एस.जी. गवई, स्टुडेंट वेलफेअर डीन डॉ. एस. के. नंदा, एग्रीकल्चरल प्राचार्य नीतेश चौधरी, प्रा. राहुल कलसकर, आार्किटैक्चर प्राचार्य संजय देशमुख, प्रा. श्रीधर मेंढे, प्रा. जया तट्टे, प्रा. अक्षय धांडे, प्रा. अक्षय पुंडकर, प्रा. प्रज्योत गंधक, प्रा. आशीष दुचक्के, प्रा. ज्योति बांबल, प्रा. संदीप ठाकरे, प्रा. सुयोग तायडे, बी.ए.एम.एस. के. डॉ. चैतन्य कावलकर, डॉ. हेमलता माहोरे, आशीष धांडे, पंकज बगणे, विजय लोणकर आदि ने अथक परिश्रम किया.

 

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