खून बेचने के लिए नहीं, आपूर्ति के लिए होता है
अस्पतालों और ब्लड बैंकों के लिए सरकार ने लिया फैसला
मरीजों को मिलेगी बडी राहत
अमरावती/दि.8-केंद्र सरकार ने मरीजों के हित में एक जरूरी निर्णय लिया है. अब कोई भी अस्पताल और ब्लड बैंक रक्त के बदले केवल प्रोसेसिंग शुल्क ही वसुल कर सकते है. उन्हें अब कोई भी अन्य शुल्क लेने का अधिकार नहीं होगा. यहां तक की अब अस्पताल या ब्लड बैंक किसी मरीज के लिए रक्त लेने के बदले परिजन से रक्त नहीं ले सकेंगे. पहले रक्त के बदले परिजन से रक्त लिया जाता था. भारत के औषधि महानियंत्रक ने अधिक शुल्क वसुलने पर रोक लगाने के लिए अन्य सभी शुल्क खत्म करने का फैसला किया है. सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रक सह लाइसेसिंग अधिकारियों को भेजे गए पत्र में भारत के औषधि महानियंत्रक ने साफ लिखा है कि, यह फैसला इस राय के मद्देनजर लिया गया है कि, रक्त बेचने के लिए नहीं होता है. डीसीजीआई ने पत्र में लिखा है रक्त बिक्री के लिए नहीं होता, बल्कि यह केवल आपूर्ति के लिए होता है. अस्पताल और ब्लड बैंक इसके लिए केवल प्रोसेसिंग शुल्क ही लगा सकते है. नए दिशा निर्देशों के तहत अब 250 रुपए ही शुल्क देना होंगा. यह शुल्क बीमारी की जटिलता के आधार पर तय होगा. अगर किसी को ब्लड सेल्स, एन्टीबॉडी, थैलेसीमिया, एनिमिया, प्लाज्मा या प्लेटलेट का परीक्षण करवाना है तो अलग-अलग शुल्क होगा. लेकिन यह तय है कि, इसके बदले 500 रुपए ज्यादा अदा करना नहीं होगा.