खेत की बिल्लसभर जमीन के लिए रक्तरंजित हो रहे खून के रिश्ते
भाई ही बन रहा भाई की जान का दुश्मन

* आपस में मारपीट व प्राणघातक हमले के मामले बढे
* पारिवारिक विवाद पहुंच रहे थाने व अदालत में
अमरावती /दि.3– खेती अथवा प्लॉट की एकाध फूट जगह के लिए इस समय भाई-भाई ही एक-दूसरे के बैरी बन रहे है. खेती सहित घर की जगह तथा पुश्तैनी संपत्ति में हिस्से के लिए भाई-भाई ही आपस में एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन रहे है. ऐसी घटनाएं अमरावती जिले के लिए नई नहीं है और हाल-फिलहाल में ही ऐसी दो घटनाएं घटित हुई है.
विगत 21 मई को ही धामणगांव रेलवे के भातकुली गांव में जगह की विवाद के चलते एक व्यक्ति ने अपने सगे भाई के पेट पर तेज धारदार चाकू से वार किया. दोनों भाईयों से बीच जगह को लेकर काफी पुराना विवाद चल रहा था. जिसकी परिणिती खूनी हमले में हुई. वहीं चिखलदरा तहसील के गंगारखेडा खेत परिसर में भी खेती से संबंधित विवाद के चलते 70 वर्षीय बुजुर्ग की कुल्हाडी और लाठी से वार करते हुए निर्मम हत्या की गई और हत्या करनेवालों में उस बुजुर्ग के रक्त संबंधी लोगों का ही समावेश था.
* पांच माह में खेती को लेकर 50 अपराध
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के 31 पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत विगत पांच माह के दौरान खेतीकिसानी को लेकर हुए झगडे-पसाद के 50 से अधिक मामले दर्ज हुए है.
* बंटवारे व मेढ को लेकर विवाद का प्रमाण अधिक
भाई, चचेरे भाई तथा चाचा व भतीजों के बीच खेतों के बटवारे तथा खेतो की मेढ जैसी वजहों को लेकर आपसी विवाद होते है और कई बार ऐस विवादों के चलते खून तक बहाया जाता है. जिसकी वजह से खून के रिश्ते भी रक्तरंजित होते है.
* विवाद की वजहें
खेत की मेढ एवं मालकी हक्क के साथ ही खेत में बुआई-जुताई कौन करेगा, जैसी वजहों के चलते सगे भाईयों सहित चचेरे रिश्तों में जमकर विवाद होते है.
* 100 से अधिक शिकायते
जिले के विविध पुलिस थानों में विगत पांच के दौरान खेत एवं घरों से संबंधित विवाद को लेकर लगभग 100 से अधिक शिकायते दर्ज कराई थी. जिसमें से कई मामलो में आपसी सामंजस्य के साथ समन्वय स्थापित किया गया.
* विवाद खत्म करने के उपाय
मध्यस्थी – परिवार के सदस्यों अथवा विशेषज्ञों की सहायता लेकर उनकी मध्यस्थता से आपसी सामंजस्य के साथ विवाद खत्म किया जा सकता है.
– बातचीत व समझौता – एक-दूसरे को समझकर आपसी बातचीत के साथ योग्य समाधान खोजते हुए समझौता कर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
– कानूनी मार्ग – आपसी बातचीत व किसी की मध्यस्थता के सफल नहीं होने पर न्यायालयीन प्रक्रिया शुरु की जा सकती है.
* खेतों की मेढ व जमीन अथवा मालकी हक्क जैसी वजहों को लेकर कई बार परिवार के सदस्यों के बीच आपसी वादविवाद होते है. पुलिस द्वारा ऐसे मामलों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एफआईआर दर्ज की जाती है और बिना विलंब कार्रवाई की जाती है.
– विशाल आनंद
पुलिस अधीक्षक.