अमरावती

बोअर से भूगर्भ हुआ छलनी

दिनोंदिन बढ रहे मामले

  • मनपा कब लगायेगी नियंत्रण

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – अमरावती शहर में 10 हजार से अधिक बोअर है. जिनसे भूगर्भ पूरी तरह से छलनी हो गया है. हर घर में रहनेवाले बोअर की वजह से भूगर्भिय जल का बडे पैमाने पर दोहन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अमरावती शहर में कितने बोअर है, इसकी जानकारी मनपा के पास उपलब्ध नहीं है. इसके साथ ही मनपा कार्यक्षेत्र अंतर्गत भूगर्भिय जल की जानकारी भी जीएसडीए द्वारा दर्ज नहीं की जा रही.
शहर में भूगर्भिय जल के संदर्भ में जानकारी रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा इसकी जानकारी दर्ज किये जाने को लेकर पत्र देने की बात मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा कही गई है. किंतु वहीं दूसरी ओर शहर में लगातार बढते कांक्रीटीकरण की वजह से बारिश के पानी का जमीन में अपेक्षित तौर पर रिसाव नहीं हो पा रहा. जिसके चलते शहर में भूगर्भ जलस्तर लगातार घट रहा है. यह बात ध्यान में आते ही दो वर्ष पूर्व शहर के तत्कालीन आयुक्त संजय निपाने द्वारा वडाली तालाब के किचड और गाद को निकालने हेतु जनसहभाग के जरिये अभियान चलाया गया था. साथ ही मनपा के सभी अधिकारियों के निवास पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग रहना अनिवार्य किया गया था. जिसकी शुरूआत उन्होंने खुद अपने निवासस्थान से की थी. साथ ही साथ सभी सरकारी कार्यालयों में भी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था किये जाने को लेकर पत्र जारी किया गया था और मनपा के इस आवाहन को प्रतिसाद देते हुए कई कार्यालयोें द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर अमल किया गया. इसके साथ ही शहर में बनाये जानेवाले कांक्रीट रास्तोें के काम में भी भूजल पुनर्भरण का काम करना ठेकेदार के लिए अनिवार्य किया गया था.

  • आरओ प्लांट धारकों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य

अमरावती शहर में करीब 80 से 100 ठंडे पानी के कैन विक्रेता है, जो अपने आरओ प्लांट के लिए बोअर के जरिये भूगर्भिय जल का दोहन करते है. ऐसे में भूजल पुनर्भरण की जिम्मेदारी भी उन पर होती है. जिसके चलते इन प्लांट धारकों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया था और कई लोगों के प्लांट को सील भी किया गया था. किंतु विगत दो वर्षों से यह अभियान ठप्प पडा हुआ है.

  • निजी बोअर के जरिये अमर्याद भूजल दोहन

शहर के अधिकांश घरों में मजीप्रा की पाईपलाईन व नलोें के जरिये पानी की आपूर्ति होती है. बावजूद इसके कई घरों में बोअरवले भी है. चूंकि इन दिनोें शहर में एक-एक दिन की आड में जलापूर्ति की जाती है. ऐसे में पानी संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए कई घरों में बोअरींग की गई है. जिनके जरिये अनियंत्रित तरीके से और असिमित रूप में भूगर्भीय जल को दोहन किया जाता है, लेकिन शहर में कितने बोअर है, इसकी कोई भी जानकारी मनपा प्रशासन के पास नहीं है और इस पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध ही नहीं है. जिसके चलते भूगर्भिय जल का अनियंत्रित दोहन किया जा रहा है.

मनपा प्रशासन के पास सरकारी बोअरवेल की पूरी जानकारी है. किंतु निजी बोअरवेल की जानकारी नहीं है. मनपा क्षेत्र के भूगर्भिय जलस्तर की जानकारी जीएसडीए के पास होनी चाहिए, जो फिलहाल उपलब्ध नहीं है. ऐसे में यह जानकारी दर्ज करने हेतु जीएसडीए को पत्र दिया जायेगा.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, मनपा

जीएसडीए द्वारा तहसील स्तर पर भूजल की जानकारी दर्ज की जाती है. किंतु मनपा क्षेत्र की जानकारी दर्ज नहीं की जाती. इसके अलावा अमरावती मनपा क्षेत्र में कितने बोअर है, इसकी जानकारी भी हमारे विभाग के पास नहीं है.
– उल्हास बंड
भूवैज्ञनिक, जीएसडीए

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