अमरावती

अधिक बजन की वजह से नाव हुई हादसे का शिकार

वरूड में घटित हादसे की वजह आयी सामने

  • अंधेरे की वजह से खोज कार्य रूका

अमरावती/दि.15 – गत रोज वरूड तहसील के श्री क्षेत्र झूंज से होकर बहनेवाली वर्धा नदी में नाव उलट जाने की वजह से 11 लोग नदी में डूब गये. जिनमें से 3 लोगों के शव रेस्क्यू टीम द्वारा बरामद किये गये थे. वहीं बाद में अंधेरा हो जाने के चलते अन्य लोगों को खोजने के काम को बीच में ही रोकना पडा. साथ ही अब पता चल रहा है कि, इस नाव में केवल 5 लोगों के बैठने की क्षमता थी. किंतु इस नाव में क्षमता से अधिक 11 लोग सवार थे. जिसकी वजह से नाव नदी के बहाव में अपना संतुलन नहीं बनाये रख सकी और पानी के तेज बहाव में जाकर उलट गई. जिसकी वजह से यह हादसा घटित हुआ.
बता दें कि, वरूड तहसील के श्री क्षेत्र झूंज में झरने एवं प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठाने हेतु अनेकों पर्यटक आते है. साथ ही परिसर में किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर दशक्रिया संबंधीत विधियां भी श्री क्षेत्र झूंज में वर्धा नदी के किनारे पूर्ण की जाती है. ऐसे ही गत रोज गाडेगांव निवासी एक परिवार दशक्रिया विधि हेतु अपने रिश्तेदारों के साथ श्री क्षेत्र झूंज आया था और दशक्रिया विधि का पूजन पूरा करने के बाद सभी लोग नाव में सवार होकर झरने व नदी के सौंदर्य को देखने हेतु निकले. किंतु इस नाव में अधिकतम 5 लोगों के बैठने की क्षमता रहने के बावजूद नाव में करीब 13 लोग सवार थे. वहीं विगत पांच-छह दिनों से इस परिसर में बारिश का जोर कायम रहने के चलते नाव नदी की बीच मजधार में जाकर हिचकोले खाने लगी और संतूलन बिगड जाने की वजह से पानी के तेज बहाव में उलट गई. इस समय दो लोग तो जैसे-तैसे अपने जान बचाने में कामयाब रहे. वहीं नाव चलानेवाले व्यक्ति सहित अन्य 11 लोग नदी में डूब गये. जिनमें से नाविक सहित 1 महिला व 1 बच्ची ऐसे कुल 3 लोगों के शव बरामद हुए. वहीं अन्य लोगों के बारे में देर शाम तक कोई पता नहीं चल पाया. हालांकि जिला रेस्क्यू टीम ने नदी में डूबे लोगों की खोजबीन करने का पूरा प्रयास किया. परंतू अंधेरा हो जाने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य को बीच में ही रोकना पडा.

छह वर्ष पूर्व दो मच्छिमार अटके थे

बता दें कि, जिस स्थान पर गत रोज पर्यटकों से भरी नाव डूबी. करीब छह वर्ष पूर्व उसी स्थान पर दो मच्छीमार बाढ के पानी में अटक गये थे और जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर की सहायता से इन दोनों मच्छीमारों को सकुशल बचाया था.

रवि मटरे की दशक्रिया विधि के लिए पहुंचे थे सभी

इस भयानक हादसे में मनोहर मटरे (25) तथा राजकुमार रामदास उईके (45) जैसे-तैसे तैरकर अपने आपको बचाया और वे नदी से बाहर आने में सफल रहे. उन्होंने बताया कि, गाडेगांव निवासी गणेश मटरे के परिवार में विगत दिनों रवि मटरे की मृत्यु हुई थी. जिसकी दशक्रिया विधि पूर्ण करने हेतु मटरे परिवार के लोग अपने रिश्तेदारों के साथ मंगलवार की सुबह श्री क्षेत्र झूंज पहुंचे और सभी नाव में सवार होकर नदी पार करते हुए महादेव दर्शन के लिए जा रहे थे, तभी यह हादसा घटित हो गया.

हंसी-खुशी चल रहा था सेल्फी लेने का दौर

चहुंओर फैली हरियाली के बीच बलखाती नदी की इठलाती लहरों पर हिचकोले खाती नाव में सवार सभी लोग काफी खुश थे और अपने-अपने मोबाईल से सेल्फी फोटो व वीडियो ले रहे थे, ताकि इन यादों को संजोया जा सके. लेकिन इसी समय नियती ने अपना क्रूर खेल खेला और एक झटके में यह नाव नदी की मझधार में उलट गई. जिसकी वजह से हंसी-खुशी वाला माहौल चीख-पुकार और मदद की गुहार में बदल गया. जिसे देखते हुए नदी के किनारे मौजूद लोगों में भी हडकंप मच गया तथा तुरंत ही मामले की जानकारी प्रशासन व पुलिस को दी गई. इस समय तक दो लोगों ने तैरकर जैसे-तैसे अपनी जान बचायी. किंतु शेष 11 लोग पानी में डूब गये.

मृतकों के परिजनों को मिलेंगे पांच-पांच लाख रूपये

इस हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भूयार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार से तुरंत फोन पर चर्चा की तथा पूरे मामले की जानकारी देते हुए इस हादसे में मृत हुए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपयों का मुआवजा दिये जाने की मांग की. जिसे लेकर डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने हामी भरी. इस समय मौके पर क्षेत्र के सांसद रामदास तडस, पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे, पूर्व मंत्री अनिल बोंडे, जिलाधीश पवनीत कौर, जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. हरी बालाजी एन., एसडीओ नितीनकुमार इंगोले, एसडीपीओ कविता फडतरे, नायब तहसीलदार प्रतिभा चौधरी, वरूड के थानेदार प्रदीप चौगांवकर, बनोडा के थानेदार मिलींद सरकटे, शे. घाट के थानेदार देवेंद्र ठाकुर सहित नागपुर राजस्व एवं ग्रामीण पुलिस के अधिकारी मौजूद थे.

नदी किनारे परिजनों की चीत्कार

इस हादसे में किसी के पिता, किसी की मां, किसी की बेटी, किसी के बेटे व किसी की पत्नी को जलसमाधि मिली है. जिनमें से केवल तीन लोगों के ही शव हाथ लगे है. ऐसे में अब पूरा दिन नदी के किनारे संबंधित शोकमग्न परिजनों की चीत्कार चलती रही और वे डबडबाई आंखों के साथ अपने परिजन के सकुशल मिलने का इंतजार करते देखे गए, लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढता रहा, वैसे-वैसे यह इंतजार फिका पडने लगा. साथ ही देर शाम अंधेरा छा जाने के बाद जैसे ही राहत व बचाव कार्य को अगले दिन तक के लिए रोक दिया गया, वैसे ही नदी किनारे मौजूद परिजनों के सब्र का पैमाना छलक गया और उनकी रूलाई फूट पडी.

डूबनेवालों में मां-बेटी व सगी बहनों सहित नवदम्पत्ति व नवविवाहीता का समावेश

– तिवसाघाट, गाडेगांव व तारासावंगा में शोक की लहर
इस हादसे में वरूड तहसील अंतर्गत तिवसा घाट निवासी दो वर्षीय वंशिका प्रदीप शिवणकर व उसकी मां पुनम प्रदीप शिवणकर (26) इन मां-बेटी सहित तारासावंगा निवासी 12 वर्षीय मोनाली सुखदेव खंडाले व 13 वर्षीय अदिती सुखदेव खंडाले इन दो बहनों के साथ ही एक वर्ष पूर्व विवाहित हुई अश्विनी अमर खंडाले (21) तथा हाल ही में विवाहबध्द हुए अतूल गणेश वाघमारे (25) व उसकी पत्नी वृषाली वाघमारे (19) को जलसमाधि मिली. नदी में डूबे 11 लोगों में 5 लोग तारासावंगा गांव के निवासी थे. जिसकी वजह से तिवसाघाट, गाडेगांव व तारासावंगा गांव में शोक की लहर व्याप्त हो गई और संबंधित परिवारों में पूरी रात रोना-धोना चलता रहा. जहां पर गांववासियों का भी जमघट लगा रहा.

डेढ माह पूर्व ही हुआ था अतूल व वृषाली का विवाह

पता चला है कि, इस हादसे का शिकार हुए अतुल व वृषाली का विवाह महज डेढ माह पूर्व ही हुआ था और उन्होंने हाल-फिलहाल ही अपने वैवाहिक व दाम्पत्य जीवन की शुरूआत की थी. अतूल के घर में वृध्द माता-पिता है. जिन पर दुखों का पहाड टूट पडा है. वहीं इस हादसे का शिकार हुई अश्विनी खंडाले का अमर खंडाले के साथ एक वर्ष पूर्व विवाह हुआ था, जो खेतीहर मजदूर के तौर पर काम करता है. घटना के समय अमर खंडाले खेत में काम पर गया हुआ था और उसे जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, तो वह तुरंत मौके पर पहुंचा और अपनी पत्नी को बचाने की गुहार लगाने लगा.

जिप शाला की छात्राएं थी मोनाली व अदिती

तारासावंगा गांव से वास्ता रखनेवाले और इस हादसे का शिकार हुए पांचों लोगोें के परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद सामान्य है और वे आष्टी पंचायत समिती के उपसभापति गोविंद खंडाले के रिश्तेदार है. इस हादसे का शिकार हुई मोनाली व अदिती खंडाले नामक दो बहने जिला परिषद की शालाओं में अपनी पढाई-लिखाई कर रही थी. जिसमें से 12 वर्षीय मोनाली तारासावंगा की जिप उच्च प्राथमिक शाला तथा 13 वर्षीय अदिती गाडेगांव की जिप शाला की छात्रा थी. इन दोनों बच्चियों के नदी में डूब जाने की वजह से पूरे परिसर में शोक की लहर व्याप्त है.

गौरी विसर्जन के दिन 8 महिलाओं की जलसमाधि

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस हादसे की वजह से नदी में डूबे 11 लोगों में 8 महिलाओं का समावेश है और यह हादसा गौरी विसर्जनवाले दिन घटित हुआ है. जिसकी वजह से इस हादसे को लेकर और भी अधिक शोक जताया जा रहा है. इन आठ महिलाओं में दो वर्ष की बच्ची सहित उसकी मां, दो सगी बहनों तथा दो नवविवाहिताओं का भी समावेश रहा. जो अलग-अलग ग्रामीण इलाकों से वास्ता रखती थी. ऐसे में इस घटना के चलते श्री क्षेत्र झूंज सहित संबंधित परिवारों एवं उनके गांवों में शोक की जबर्दस्त लहर व्याप्त है.

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