बोगस ‘टीईटी’ करने वाले शिक्षकों की नौकरी जायेंगी!
दर्ज होगा फौजदारी अपराध, संबंधितों में हुई दहशत निर्माण
अमरावती/ दि.10– स्वास्थ्य विभाग के म्हाडा परीक्षा में हंगामा होने के बाद बहुचर्चित राज्य पात्रता परीक्षा (टीईटी) में हुए भ्रष्टाचार को शासन ने गंभीरता से लिया है. 2013 के बाद पदासीन हुए शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र जांच करने का अभियान शुरु किया गया है. इसमें बोगस प्रमाणपत्र पाये जाने पर संबंधित शिक्षकों की नौकरी जाना तय है. इसके साथ ही उनके खिलाफ फौजदारी अपराध दर्ज कर जेल की हवा खाना पडेगा, जिससे संबंधित लोगों मे दहशत निर्माण हुई है.
शिक्षक व स्कूल मान्यता, बडी हुई तुकडी को मान्यता समेत शिक्षकों के तबादलें, पदोन्नति, स्वास्थ्य बिल के बारे में इससे पहले शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. राज्य परीक्षा परिषद के तत्कालीन आयुक्त तुकाराम सुपे ने टीईटी परीक्षा में भ्रष्टाचार किया, अपात्र प्रत्याशियों को उत्तीर्ण कर करोडों रुपए लेने की बात उजागर हुई है.
शिक्षा क्षेत्र दहला
इस मामले की वजह से शिक्षा क्षेत्र दहल गया है. परीक्षा शुुरु होने से लेकर उत्तीर्ण परीक्षार्थियों का मूल टीईटी प्रमाणपत्र जांच ने के लिए पुलिस ने शिक्षा विभाग पर दबाव डाला है. इसपर राज्य सरकार ने 13 फरवरी 2013 के बाद अनुदानित, अंशत: अनुदानित, बिनाअनुदानित स्कूल में कक्षा 5वीं से 8वीं तक पदासिन हुए शिक्षकों के मूल टीईटी प्रमाणपत्र जांच पडताल करने का निर्णय लिया है.
फिर से परीक्षा के डर से प्रत्याशी चिंतित
पिछले तीन माह से अलग अलग कारणों के कारण टीईटी परीक्षा आगे बढाई गई थी. आखिर पिछले वर्ष 21 नवंबर 2021 को परीक्षा ली गई थी. परंतु एसटी कर्मचारियों की हडताल के कारण सैंकडों कर्मचारी टीईटी परीक्षा से वंचित रहें. उपर से टीईटी परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के कारण परीक्षा फिर से होगी क्या? यह डर के मारे कई प्रत्याशी चिंतीत है और दूसरे तरफ बोगस प्रमाणपत्र के मामले में जिले के कुछ प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षक फंस जाने की चर्चा शिक्षा क्षेत्र में शुरु है.