अमरावतीमहाराष्ट्र

कम उम्र में ही हड्डीयां हो रही कमजोर

अमरावती /दि.23– इन दिनों युवाओं सहित कम उम्र वाले बच्चों में भी हड्डी की कमजोरी जैसी शिकायत में बडे पैमाने पर दिखाई देने लगी है और कम उम्र में ही हड्डीयां कमजोर होने लगी है. अमरावती के सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में अस्थीरोग विशेषज्ञों के पास रोजाना 200 से 250 मरीज आते है. जिसमें से 100 से 150 मरीज युवा एवं कम आयु वर्ग वाले होते है.

* युवाओं में बढी ये शिकायतें
युवाओं में कमर दर्द, घुटने के दर्द, जोडों के दर्द सहित रीड के हड्डी में दर्द और गर्दन में दर्द जैसी शिकायतें इन दिनों बडे पैमाने पर दिखाई देने लगी है.

* युवाओं में हड्डी की समस्या की वजहें
– कम शारीरिक हलचलें – ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने, कम्प्युटर या मोबाइल स्क्रिन के सामने ज्यादा समय बिताने तथा शारीरिक गतिविधियां कम करने आदि की वजह से मांसपेशियां व जोड कमजोर होते है. जिसके परिणामस्वरुप रीड की हड्डी व गर्दन में दर्द होना शुरु होता है. साथ ही जोडों में भी दर्द होने लगता है.
– बैठने की गलत पद्धति – स्मार्ट फोन व लैपटॉप अथवा डेस्क पर लगातार झुके रहने की वजह से भी रीड की हड्डीयों की रचना बिगडती है. जिसके चलते गर्दन एवं पीठ में तकलीफ होनी शुरु हो जाती है.
– मोटापा – अस्वास्थकर आहार तथा निष्क्रियता के चलते मोटापा बढने के साथ ही घुटनों एवं कुल्हों पर अतिरिक्त बोझ पडता है.
– खेल में लगनेवाली चोटें – योग्य प्रशिक्षण व संरक्षक उपकरणों के बिना खेल में सहभाग लेने की वजह से चोट लगने या हड्डी टूटने का खतरा होता है.

* क्या सतर्कता जरुरी
मांसपेशियों व जोडों को मजबूत रखने हेतु रोजाना 30 से 40 मिनट पैदल चलने, योगासन करने या तैरने जैसे मध्यम व्यायाम करने चाहिए.
– बैठते समय हमेशा सीधे बैठना चाहिए और अच्छी कुर्सी का प्रयोग करना चाहिए.
– किसी भी डिवाइस का प्रयोग करते समय हर 30 मिनट में स्ट्रेचिंग हेतु ब्रेक लेना चाहिए.

* युवाओं में हड्डीयों की समस्या बढना अपने आप में चिंता का विषय है. जीवनशैली में बदलाव लाने के साथ ही स्वास्थ को लेकर जागरुकता रखने के चलते ऐसी समस्याओं को दूर रखा जा सकता है. साथ ही हड्डीयों को लेकर कोई भी समस्या रहने पर तुरंत ही अस्थीरोग विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए.
डॉ. गौरव भूतडा
अस्थीरोग विशेषज्ञ

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