दर्यापुर /दि. 12– पिछले सप्ताहभर से विदर्भ में बदरिला वातावरण निर्माण होने से गर्मी महसूस हो रही थी. किंतु अब मौसम बदलने से धीरे-धीरे ठंड का प्रमाण बढ रहा है. पारा 4 से 5 डिग्री सेल्सीअस से घटा है. जिससे ठंड का प्रमाण बढ गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड से बचाव के लिए आज भी अलाव जलाने की परंपरा कायम है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने-अपने गांवों में चौक-चौराहों पर व अपने खेतों में अलाव चलाते नजर आ रहे है.
पिछले साल की तुलना में ठंड अधिक अचानक बढ जाने से शहरो में भी अलाव जलते दिखाई दे रहे है. साथ ही शहर में परप्रांतो से आए गरम कपडों के व्यवसायियों ने भी चौक-चौराहों पर गर्म कपडों की दुकाने सजा ली है. इन दुकानों पर ग्राहकों की भीड उमड रही है. दुकानों पर स्वेटर, मफलर, कानटोपी बिक्री के लिए उपलब्ध है. किसानों द्वारा ठंड पडने की अपेक्षा व्यक्त की जा रही थी. अब ठंड पडने से किसानों की रबी की फसलों को भी जीवनदान मिलेगा और कुछ प्रमाण में उत्पादन भी बढने की संभावना किसानों द्वारा व्यक्त की जा रही है.
* ठंड में अलाव की परंपरा
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अलाव जलाने की परंपरा कायम है. गांव के चौक में लोग अलाव के ईर्द-गिर्द बैठकर कृषि, राजनीति, क्रिकेट आदि पर चर्चा करते है. साथ ही अपनी पुरानी यादे भी एक-दुसरे के साथ साझा करते है. ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड बढने पर जगह-जगह अलाव जलते दिखाई दे रहे है. खासतर बच्चे इन अलाव में आलू, फल्ली, मक्का के भुट्टे भूनकर खाते है और ठंड से अपना बचाव करते है.