अमरावती/दि.21- पालकों और सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं की लिखित शिकायत पश्चात शिक्षा विभाग ने व्यापक अभियान छेडा और अवैध शालाओं का पता लगाया. प्रदेश में करीब 700 स्कूल अवैध पाए गए. जिसमें से 200 शालाएं खास आदेश से बंद कर दी गई. इसमें अमरावती संभाग की 2 शालाओं का समावेश रहने की जानकारी अधिकृत तौर पर दी गई है और विवरण शिक्षा विभाग ने नहीं दिया.
शिक्षा उपसंचालक डॉ. चव्हाण ने बताया कि, सीबीएसई और अन्य बोर्ड की मान्यता का दावा शालाएं करती है. अभिभावकों को चाहिए की वह पूर्ण रुप से पुष्टि करने के बाद इस बारे में आगे बढे. अपने पाल्यों के भविष्य का सवाल है. पालकों की सावधानी और सर्तकता महत्वपूर्ण है.महकमा भी अभिभावकों को सजग कर रहा है. पालकों का भी काम है कि वे शालाओं के दस्तावेज आदि देखकर मान्यता प्राप्त संस्था में ही प्रवेश दिलवाएं.
* सर्वाधिक संख्या मुंबई में
अवैध शालाओं का निरीक्षण किया गया तो, महानगर मुंबई में सर्वाधिक 517 शालाओं के जरुरी दस्तावेज उचित नहीं पाए गए. कुछ शालाओं को दस्तावेजों के लिए समय दिया गया है. फिर भी 90 शालाओं को बंद कर दिया गया है. पुणे संभाग में 69, नागपुर में 40, कोहाल्पुर में 28, नाशिक में 27, औरंगाबाद में 6 शालाएं अवैध पाई गई. पुणे में 32, नागपुर में 35, कोल्हापुर में 27, नाशिक में 10, औरंगाबाद में 6 शालाएं बंद कर दी गई.
* सनसनखेज खुलासे
शाला जांच में अनेक धक्कादायक और हैरत में डाल देने वाले खुलासे हुए. कई शालाओं ने राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर ही कामकाज और प्रवेश शुरु कर दिया था. ऐसी शालाओं पर स्थायी रुप से ताला लगाने का आदेश शिक्षा संचालक शरद गोसावी ने दिया. उन्होंने बताया कि, अधिक फीस, शालाओं में गणवेश और शैक्षणिक सामग्री बेचने और अन्य प्रकार की मनमानी की शिकायतें मिली है. उनकी प्रापर जांच के बाद और कडी कार्रवाई की जाएगी.