अमरावती / दि. ५- किसानों से चने की खरीदी नाफेड के माध्यम से की तो गई, लेकिन खरीदी व्यवहार की रकम अब तक संबंधितों को नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. सरकार और अब कब तक इंतजार कराएगी? यह सवाल चना विक्रेताओं ने किया है. नाफेड को चना विक्री करने के लिए यहां के ४ हाजर २४० किसानों ने पंजीयन किया है. पंजीयन के पश्चात १४ मार्च से प्रत्यक्ष खरीदी-बिक्री शुरु की गई. अब तक ५०० किसानों से १० हाजर ५०० क्विंटल चना खरीदा गया. ब्रिकी किए माल की किमत ५ करोड़ ६३ लाख १६ हजार २६० रुपए थी. फिरभी अब तक यह रकम संबंधित किसानों को नहीं मिली है. संबंधित किसानों ने खरीदी विक्री सहकारी संस्था के पदाधिकारी से इस बारे में पूछताछ भी की, लेकिन पेमेंट अब तक नहीं आया, इसके अलावा जवाब नहीं मिलता. काफी मशक्कत और कड़ी मेहनत से फसल उगाई. समय पर कटाई भी की. बाजार में भाव नहीं मिलने से घर में फसल का भंडारण किया. बार-बार मांग करने के बाद सरकार ने चना खरीदी केंद्र शुरु किया. इसलिए नाफेड को प्राथमिकता देकर किसानों ने चना बिक्री की, किंतु अब तक संबंधित किसानों को मुआवजा नहीं मिला. हाथ में पैसा नहीं रहने से कई महत्वपूर्ण काम में रुकावट निर्माण हो गई है, ऐसा चांदुर रेल्वे के एक त्रस्त किसान ने कहा.
जल्द जमा होगी राशि
नाफेड को चना बिक्री करने के बाद उस माल की रकम जल्द ही मिलती है. जिन ५०० किसानों ने उनका चना नाफेड को बेचा, उन्हें भी रकम प्राप्त हुई है. वर्तमान की स्थिति में किसानों के पैसे उनके खाते में जमा होना बाकी है. जल्द ही रकम किसानों के खाते में जमा होंगी.
-सुरेश ढाकुलकर, सचिव,
खरीदी विक्री संघ, चांदुर रेलवे.