अमरावती/दि.16- विवाह समारोह सहित अनेक कार्यक्रमों की रेलचेल बढी है. आयोजक लोगों का ध्यान खींचने के लिए परिसर के निजी सुरक्षा गार्ड जिन्हें बाउंसर कहलाना पसंद है, उन्हें लेकर घूमते हैं. बाउंसर की डिमांड इन दिनोें लगातार बढ रही है. फिलहाल अमरावती में लगभग 300 युवाओं को बाउंसर के रुप में काम मिला है. आगे स्थानीय निकाय के चुनाव करीब आने पर और डिमांड बढेगी तथा बाउंसर्स को काम मिलेगा.
इन दिनों अनेक बिल्डर, व्यापारी, राजनेता अपने साथ काले कपडों वाले सुरक्षा गार्ड लेकर नजर आते है. कई कार्यक्रमों में व जाते है तो उनके साथ 4-6 बाउंसर रहते हैं. किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इस बात की खबरदारी बाउंसर रखते है. कुछ आयोजक नाहक आगे-पीछे करते है तो उन्हें बाउंसर रोकते है. बाउंसर के काम के घंटे बंधे हैं.
* वीआयपी कल्चर बढा
कार्यक्रमों में 6 घंटे के लिए तैनात रहने पर बाउंसर को 1 हजार से लेकर 1200 रुपए तक मिलते है. ऐसे ही राष्ट्रीय सभा सम्मेलन और निजी सुरक्षा के लिए परिस्थिति के अनुसार रेट बदलती है. इसके अलावा उनके लिए पसंदीदा भोजन का भी इतजाम करना पडता है. इन दिनों वीआयपी कल्चर बढने से अमरावती में भी लोग बाउंसर की सेवाएं ले रहे हैं.
* फिटनेस आवश्यक
बाउंसर के लिए फिलहाल शहर में 3-4 कंपनी कार्यरत है. साल में 8 महिने काम मिलता है. कंपनी आवश्यकता अनुसार बाउंसर बुलाती है. मजबूत बॉडी सहित उचित व्यवहार और भाषा आदि का समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. फिटनेस पर ध्यान देना सबसे जरुरी है. सुशिक्षित बेरोजगार युवक इस क्षेत्र में काम करते नजर आ रहे हैं. शारीरिक तंदुरुस्ती, स्मार्ट चेहरा और उत्तम एटिट्यूट आदि बातों का होना जरुरी है. बाउंसर का काम करने शिफ्ट में काम करने की तैयारी भी रखनी पडती है. बाउंसर को 6-6 घंटे खडे रहना पडता है. कई बार लोगों से धक्कामुक्की भी हो जाती है. अमरावती में तेजी से बाउंसर रखने का चलन बढ रहा है. जिससे आनेवाले दिनों में यह भी रोजगार का एक अच्छा जरिया युवाओं के लिए उपलब्ध हो जाने की बात एक जानकार ने कही.