अमरावतीमहाराष्ट्र

गोवर्धननार्थ जी हवेली में अवतरित हुआ ब्रजधाम

 श्रीमद वल्लभाचार्य महाप्रभु जी का 547 वां प्रागट्य महोत्सव

* जिले भर के वैष्णवों ने भक्तिभाव में हिस्सा लिया.
अमरावती/दि.04– स्थानीय रायली प्लॉट स्थित श्री गोवर्धनाथ जी हवेली सत्संग मंंडल के अथक प्रयास से यहां तीन दिवसीय श्रीमद वल्लभाचार्य महाप्रभु जी का 547 वां प्रागट्य महोत्सव गुरूवार से शुरू हुआ. प.पू. गो 108 श्री पुरूषोत्तमलालजी महाराज श्री के शुभ आशीर्वाद से आयोजित इस समारोह में जिले भर के वैष्णवों ने भक्तिभाव में हिस्सा लिया. शुक्रवार को श्री महाप्रभु का जीवन चरित्र नाटिका प्रस्तुत किया गया.े श्री महाप्रभुजी के अनन्य सेवक पद्मनाभदास जी, ए क्षत्राणीस महावन की , इनके जीव प्रसंग पर आधारित नाटिका एवं नृत्य रासगरबा को करनेवाले कलाकारों की प्रस्तुति से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों गोवर्धननार्थ जी हवेली में ब्रजधाम अवतरित हो गया हो. समारोह की शुरूआत गोवर्धननाथ जी हवेली सत्संग मंडल के विश्वस्त केशुभाई सेठ, नितीनभाई सेठ, कन्हैया पच्चीगर, डॉ. घनश्याम बाहेती, श्याम दम्माणी ने आचार्य गोस्वामी श्री महाप्रभुजी की छवि पर पुष्पमाला अर्पित की.श्री वल्लभाचार्य जी के 547 के प्रागट्य दिवस पर आयोजित नाटिका का प्रस्तुतिकरण शुक्रवार को किरणबेन गगलानी, अल्पाबेन राजकोटिया, राधाबेन बाहेती, सीमाबेन पच्चीगर, पूवीर्बेन गगलानी, संगीताबेन राजा, भारतीबन हिंडोचा, हीनाबेन राजा, रिटाबेन गगलानी, श्रीमती कुंजनबेन वेद के सहयोग से हुआ. नाटिका की प्रस्तावना व भावप्रकाश श्री मुकेशभाई ने प्रस्तुत किया. श्री महाप्रभुजी के 3 सेवकों की नाटिका इस अवसर पर मंचित हुई. श्री महाप्रभुजी ने भूतल पर पधारकर जीवों की रक्षा की. नाटिका की पटकथा मुकेश भाई ने लिखी तथा पात्रों के साथ मंचित किया.े

* ठाकुरजी के 4 निधिस्वरूप दर्शन
इस अवसर पर ठाकुर जी के 4 निधि स्वरूप दर्शन की प्रस्तुति की गई.े इसकी शुरूआत कीर्तन से हुई. आनंदाय नमा: परमानंदाय नम: कृष्णाशाय नाम: तथा कृपानिधये नम: से शुरूआत हुई.
श्री वल्लभ विठ्ठल गिराारी, यमुनाजी की बलिहारी नाम कीर्तन से ठाकुर जी के दर्शन कराए गये नाटिका में महाप्रभु जी की भूमिका रमेश राजूभाइ्र धानक, छात्राणी की भूमिका राधाबेन बाहेती, साहूकार की भूमिका कन्हैया पच्चीगर,नयनाबेन हिंडोचा, भाजीवाली की भूमिका ज्योति भैया तथा फलवाली की भूमिका भावनाबेन जडिया ने निभाई, इसके पश्चात दूसरी नाटिका प्रस्तुत की गई. यह नाटिका महाप्रभु जी के सेवक कन्नोज के पद्मनाभदास जी की वार्ता पर आधारित है. इस नाटिका में पात्र की भूमिका कलाकार तथा वैष्णव ने निभाई.

रसिकभाई धामक ने मथुरानाथजी की, नमन भिमजिया ने छोटे मधुरानाथा जी की, दीप्तीबेन मुंदडा ने पदुनामदासजी की, हार्दिक मुंदडा ने बेटी तुलसा की, पूर्वाध गगलानी ने श्री वल्लभ की, ज्योतिबेन भैया तथा दीप्तीबेन भिमजियानी ने आचार्य जी, किरण बेन गगलानी ने यशोदामैया, धर्मेश गगलानी ने नंदबाबा की भ्ाूमिका निभाई. कार्यक्रम में पुष्पवर्षा भी की गई तथा फगवा लुटाया गया. तत्पश्चात तीन तरह की नृत्य प्रस्तुति की गई. यमुनाजीको काली कालीस राधा गोरी गोरी नामक नृत्य लतिका सेठ, मनाली सेठ, किंजल लोटिया, दिशा लोटिया माधवी लोटिया सायली जसापरा, नम्रता जसापरा, मित्तल पारेख ने तो मन मंदिर में सजे बिहारी नाम नृत्य की प्रिशा राजा ने प्रस्तुति की. राधा ग्रुप बडनेरा की ओर से घनश्याम मुकुंद मुरारी व यमुनाजी की आरती की खीरैया, प्रिया गाथा, कामना खीरैया, रितिका गाथा, रक्षा गाथा, कोमल खीरैया, वंदना नदीयाना, दिया पंड्या ने यह प्रस्तुति की. कार्यक्रम में सत्संग मंडल की ओर से सभी सत्कार किया गया. वल्लभकृपा ग्रुप के संयोजक डॉ. ब्रजेश दम्माणी, डॉ. राशि दम्माणी की ओर से राघव करवा, वृषा दम्माणी, राघव दम्माणी, आध्या, आरना, कृष्णा वल्लभी, विठलेश दम्माणी, रिवा राठी ने प्रस्तुति दी. कालिंदी ग्रुप की ओर यमुनाष्टक पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया.
नृत्य में लेखा सेराणी, कार्तिका आडतिया, हर्षिता सेठिया, रिध्दि दासानी, अमी आडतिया, लक्षिता आडतिया, सूनय आडतिया ने प्र्रस्तुति दी. दूसरे दिन रचना शाह, रंजनबेन जसापुरा, अरूणा वोरा, हनुमान मालविया, दुर्गा झंवर, नीलम सांगाणी, दीना वल्लभ चावड, दीप्ती पलेजा, नेहा काटकोरिया, हीनाबेन बाबरिया, लजमीबेन करवा, रश्मीबेन मेहता, अरूणाबेन नदियाना, हंसा पोपट, शारदा पोपट, गीता पोपट, वायु राजा, हेतल हिंडोच, भारती, किरण पोपट, शारदा पोपट, गीता पोपट, वायु राजा, हेतल हिंडोचा, भारती, किरण पोपट, पूर्वी राजा, नीशा तन्ना, दीप्ती तन्ना, नीता लाठिया, राखी खंडेडिया, रीमा तन्ना, रिना आडतिया, गीता लोहाना, गीता पोपट, लीना लोहाना, रश्मि सेठ, अक्षीता अमित सांगणी, नीता सांगाणी, शिल्पा शाह, कुसुम राठोड, सारिका तापर, राधा टापर, ज्योत्स्ना शाह, गुंजन गाधा, नीता, गुंजन, सपना पनपालिया, कविता लढ्ढा, लीना खिरैया, भावना दीपक तेली, शीला पोपट, शिल्पा पारेख, सरला तन्ना, सुधा पोपट, पल्लवी गगलान, स्वेता सेठ, नीता गगलानी, रिमा पनपालिया, पूजा राजा, दक्षा राजा, कृष्णा सांगाणी, प्रमिला डागा,पुष्पा मुंधडा, आशा जसापारा, दिशा जसापारा, सोनल संतोषिया, निकिता जसापारा, नूतन सागाणी , दिनाबेन लोटिया, सरोज जडिया, वंदना सोनी,सुषमादेवी भैया, शीलाबेन टॉपर, रेखा बस्तानी, भावनाबेन बस्तानी, सोनल संतोषिया, गीताबेन भट, लीला लाखानी, मीनाबेन आडतिया, कविता बेन धाबलिया, जयमाला चितलांगे, लता भट्टड, किरण गिल्डा,संगीता नंदियाना, स्मिता उपाध्याय, हीनाबेन आडतिया, ज्योत्सना लोटिया, काश्मिरा सेठ, ज्योतिबेन गगलानी, मीनाक्षी बेन सांगाणी, शामाबेन दम्माणी, जसूमति गांंडिल्य, सोनी राजा, रेखा जडिया, नीता गगलानी, मोनाली शाह, अरूणा भैया, नीता भैया, अनिता भैया, मीना कोठारी, शशि मुंदडा, संध्या केला, दीपाली करवा, गायत्री पुरोहित, चंचल पुरोहित, कनयभाई पच्चिकर, रोशन पच्चिकर, हेमंत पच्चिकर , राजूभाई शाह, श्यामभाई दम्माणी, घनश्याम बाहेती, राजूभाई पारेख, महेशभाई सेठ, नंदकिशोर लोहाणा, धमेंद्र वर्मा, आशीष पांडे, रौनक मेहता, दिलीपभाई वजीर, मधुभाई झवेरी, कृष्णदास गगलानी, नरेंद्र सेठ, शरदभाई कडी, मितेष शाह, अशोकभाई श्रॉफ, केतनभाई रायचुरा, राकेशभाई श्राफ, गोकुलदास दम्माणी, नरेशभाई पोपट, मुकेशभाई श्राफ, गोकुल दम्माणी, पुजा सेठ सुहासिनी सेठ, संगीता दासानी, वंदना हिंडोचा, पूजा राजा, भारती हिंडोचा, ममता राजा, जयश्री गाथा, आशीष मुंदडा, मेघा गगलानी, डॉली गगलानी, भूमिका गादिया, ज्ञानवी गादिया, सरोज पारेख, नेहा पारेख,भाग्यश्री कापडिया, विशेषता सोनी, विधि शाह, योगिता शाह, नम्रता सांगाणी, जागृति पारेख, रिध्दी दासानी, चारू दासानी, कार्तिका आडतिया, झील आडतिया, हर्षिता सेठिया,लेखा सादाणी, रजनीकांत शाह, नरेंद्र सेठ, ललिता आडतिया, सुनय आडतिया, हीना अडिया, केतन सेठिया, नीतेश राजा, अमन हिंडोचा, रिया हिंडोचा, सारिका झंवर, श्वेता झंवर, किरण हिंडोचा, केतन सेठिया नीलेश राजा, अजय आडतिया, विजय खंडेेलवाल, आशीष रायचुरा, वनमाला खंदडिया, दिनेशभाई लोेेटिया, गोविंद दम्माणी, सतीश मकवानी, ब्रिजेश वासाणी, कुणाल सेठ, राजूभाई धामक, रशेष धानक, आशीष करवा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.

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