अमरावती

मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से युवकों में ‘बे्रन फॉग’

जिला अस्पताल के मनोविकार विभाग में हर दिन 14 से 30 वर्ष आयुवर्ग के 5 से 6 मरीज

अमरावती/दि.22– स्मार्ट फोन का इस्तेमाल बढा है. मनोरंज के तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल युवाओं में काफी बढा है. इसी का परिणाम युवकों में ‘बे्रन फॉग’ अथवा मानसिक रुप से थकान आने का प्रमाण बढा है. साथ ही मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण युवाओं में अकेलापन और चिडचिडापन भारी मात्रा में बढने लगा है. इस कारण पालकों को अपने पाल्यों की तरफ अधिक ध्यान देने आवश्यक है. जिला अस्पताल के मनोविकार विभाग में हर दिन 5 से 6 मरीज आ रहे है. इसमें सबसे अधिक 14 से 30 वर्ष की आयु के मरीजों का समावेश है.
कोरोनाकाल में शालाएं बंद थी. इस कारण विद्यार्थियों की पढाई ऑनलाइन शुरु थी लेकिन इसका परिणाम यानी अनेक युवाओं को मोबाइल की लत लग गई है. कोरोनाकाल से युवाओं का स्क्रीन टाइम बढा है. साथ ही युवाओं को मोबाइल, लेपटॉप की जैसे एक तरह से लत लग गई है. इसमें मोबाइल मेें शॉर्ट वीडियो देखने तथा बनाने का प्रमाण भी बढा है. कुछ युवाओं के साथ विभिन्न क्लिप बनाते समय अथवा सेल्फी लेते समय अप्रिय घटना भी घटित हुई है. इस कारण मोबाइल के व्यसन के अपने परिणाम किशोर से लेकर युवकों तक देखने मिल रहे है. जिला अस्पताल के मनोविकार विभाग में हर दिन 5 से 6 मरीज आ रहे है. महीने में 160 से 180 मरीज यहां आते है. मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण तथा मोबाइल गेम के कारण बच्चों में चिडचिडापन, मानसिक थकान आना, आंखों का तनाव बढना, अकेलापन आदि परिणाम दिखाई देते है.

* ब्रेन फॉग यानी क्या?
ब्रेन फॉग यानी मानसिक थकान है. लगातार मोबाइल देखकर युवाओं में बे्रन फॉग होने की संभावना बनी रहती है. इसमें मानसिक तनाव बढने से युवाओं में चिडचिडापन, मानसिक स्वास्थ्य बिगडने की संभावना रहती है.

* रात के समय मोबाइल से दूर रहना बेहतर
युवाओं में पूरी रात मोबाइल देखने का प्रमाण बढा है. रात के समय लाइट बंद कर मोबाइल देखने से आंखों पर इसका परिणाम होने की संभावना अधिक रहती है. इस कारण रात के समय मोबाइल से दूर रहना चाहिए.
– भावना पुरोहित,
मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल अमरावती

 

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