अमरावती

‘मृत्युदंड’ के बावजूद ‘कानूनभंग’

कोविड काल के दौरान 6581 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज

  • धारा 188 का जमकर हुआ उल्लंघन

अमरावती/दि.29 – इस समय देश में करोडों लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके है और तीन लाख से अधिक लोगों की इस संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है. ऐसे में हालात को नियंत्रित करने हेतु लॉकडाउन, संचारबंदी व जमावबंदी जैसे प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया गया है. साथ ही कोरोना संक्रमण को खत्म करने हेतु त्रिसूत्री के नियम भी लागू किये गये है. किंतु जहां एक ओर कोविड का संक्रमण लोगों को ‘मृत्युदंड’ दे रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगबाग इससे बिना डरे लगातार ‘कानूनभंग’ कर रहे है.
ज्ञात रहें कि महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम 1897 के प्रावधानों का आधार लेते हुए जिलाधीश द्वारा समय-समय पर संचारबंदी व जमावबंदी के आदेश जारी किये गये है. जिसमें सर्वाधिक बोलबाला रहा पुलिस द्वारा भादंवि की धारा 188 के तहत दाखिल किये जानेवाले मामलों का अमूमन हत्या, अतिप्रसंग, डाका व चोरी जैसे मामलों में जिस धारा के तहत अपराध दर्ज किया जाता है, उसी धारा का सामना आम लोगों को करना पडा. किंतु धारा 188 क्या है और इसे दर्ज करने के बाद क्या कार्रवाई होती है, इसे लेकर सर्वसामान्य लोगबाग काफी हद तक अनभिज्ञ है.
बता दें कि, संचारबंदी के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में अमरावती शहर पुलिस द्वारा 22 मार्च 2020 से 21 जून 2021 तक सवा वर्ष के दौरान धारा 188 के तहत 4 हजार 513 एफआईआर दर्ज किये गये. जिसमें मास्क नहीं पहनने, सोशल डिस्टंसिंग का पालन नहीं करने, संचारबंदी काल के दौरान बिना वजह वाहन चलाने व सडकों पर घुमनेवाले लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 तथा महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किये गये. किंतु इसके बावजूद भी लोगों को कोविड संक्रमण काल के दौरान कानूनों का उल्लंघन करने से रोका नहीं जा सका.

क्या हैं भादंवि की धारा 188

महामारी प्रतिबंधक अधिनियम 1897 के प्रावधानानुसार आपत्ति काल में कई नियम लागू होते है और सरकार की ओर से निर्देशित सरकारी व प्रशासनिक अधिकारी इसे लेकर अलग-अलग आदेश जारी करते है. जिनका उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ भादंवि की धारा 188 के तहत अदखलपात्र अपराध दर्ज किया जाता है.

इस सजा का है प्रावधान

इस कानून के प्रावधानानुसार प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति को एक माह के कारावास अथवा 200 रूपये के जुर्माने या दोनों सजाएं हो सकती है. एक अन्य प्रावधान के मुताबिक यदि संबंधित व्यक्ति द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर किसी अन्य व्यक्ति का जीवन खतरे में पडता है, तो नियमों का उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति को छह माह के कारावास या एक हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों सजाएं हो सकती है, लेकिन इस नियम के बावजूद भीडभाड को नियंत्रित करने में प्रशासन को काफी मशक्कतों का सामना करना पडा.

लोग सुनने व समझने को तैयार नहीं

धारा 188 के तहत दर्ज होनेवाला मामला गैर जमानती अपराध होता है. इसके बावजूद भी शहर में बडे पैमाने पर नियमों का उल्लंघन होने के मामले सामने आये है. जिसे लेकर पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए अपराध दर्ज किये गये है. ये सभी मामले आगामी कुछ माह के भीतर कोर्ट के सामने सुनवाई हेतु रखे जायेंगे. जिसमें से कुछ लोगों को जेल या जुर्माने की सजा होगी और कुछ लोग निर्दोष भी छुटेंगे. किंतु इस दौरान नियमों का उल्लंघन करनेवाले लोगों से प्रशासन द्वारा करीब 97 लाख रूपये का दंड वसूल किया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगबाग कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे.

कोविड, लॉकडाउन व कार्रवाई

दर्ज मामले – 4,513
वाहन जप्त – 4,289
आरोपी – 6,581
दंड वसूल – 97 लाख

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