अमरावती

स्वेच्छा निधी को खर्च करने पर लगा ब्रेक

शहर में विकास कामों की गति रूकी

अमरावती/दि.8– मनपा के आगामी चुनाव हेतु हाल ही में प्रभाग रचना का संशोधित प्रारूप जारी किया गया है. जिसे देखते हुए नगरसेवकों ने अपनी स्वेच्छा निधी से मंजुर विकास काम शुरू करने का सिलसिला जारी किया. किंतु मनपा आयुक्त ने बताया कि, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 5 अक्तूबर 2016 को जारी पत्र का हवाला देते हुए स्थानीय स्वराज्य संस्था का कार्यकाल खत्म होने से तीन माह पहले पार्षदों को स्वेच्छा निधी से खर्च करने पर पाबंदी लगायी है. ऐसे में मनपा द्वारा अब किसी भी नये विकास कार्य के लिए निधी जारी नहीं की जायेगी. जिसके चलते विकास कामों में काफी दिक्कतें पैदा हुई है और मौजूदा पार्षदों में आगे क्या करना है, इसे लेकर काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है.
कई पार्षदों का मानना है कि, शहर के विकास में पहली बार इस तरह की दिक्कते आयी है. उल्लेखनीय है कि, एक ओर मनपा की आर्थिक स्थिति काफी हद तक खस्ता है, वहीं दूसरी ओर कामों की मंजूरी, निविदा, कार्यारंभ आदेश तथा भुमिपूजन आदी ने रफ्तार पकड ली थी. किंतु सभी नगरसेवकों को एक साथ देने लायक निधी खुद मनपा की तिजोरी में नहीं है. यहीं वजह है कि, राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र को आगे करते हुए स्वेच्छा निधी खर्च करने पर ब्रेक लगाया गया है.
* पहले भी निधी के अभाव में अटके विकास कार्य
विगत पंचवार्षिक कार्यकाल में दो वर्ष तो कोविड संक्रमण की महामारी के भेंट चढ गये. जिसकी वजह से नगरसेवकों द्वारा कोई विकास कार्य नहीं किये जा सके. पश्चात वर्ष 2021-22 के बजट में नगरसेवकों को 50-50 लाख रूपये की वॉर्ड विकास व स्वेच्छा निधी देने को आमसभा में मंजुरी दी गई. उस समय नगरसेवकों ने यह निधी एकमुश्त मिलने की मांग उठाई थी. किंतु इसके बाद भी नगरसेवकों को अगले कुछ महिने तक यह निधी नहीं मिली और बाद में आधी-अधूरी निधी आवंटित की गई. क्योंकि मनपा की आर्थिक स्थिति बेहद नाजूक थी. चूंकि उस समय मनपा चुनाव के लिए ज्यादा दिन नहीं बचे थे. ऐसे में पार्षदों द्वारा जल्द से जल्द निधी दिये जाने की मांग की जाने लगी, लेकिन प्रशासन इसके लिए सक्षम नहीं था. अत: यह मांग भी काफी लंबे समय तक अधर में लटकी रही.
* विकास कामों के आधार पर ही मांगे जाते हैं वोट
मौजूदा नगरसेवकों द्वारा खुद के जरिये कराये गये विकास कामों के आधार पर ही प्रभाग की जनता से वोट मांगे जाते है. यदि कोई विकास कार्य ही नहीं हुए, तो वोट कैसे मांगे जायेंगे, यह सबसे बडा मसला होता है. अत: प्रभाग रचना जारी होते ही अधिकांश प्रभागों में भुमिपूजन कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया. किंतु इसी बीच निधी की कमी और निर्वाचन आयोग के आदेश की वजह से बाधा उत्पन्न हो जाने के चलते विकास कार्य कैसे किये जाये, यह समस्या अब सभी नगरसेवकों के सामने मुंहबाहे खडी है.
* मनपा के पास पैसा ही नहीं
प्रभाग रचना घोषित होने के बाद सभी पार्षद विकास कामों का धुमधडाका शुरू करेंगे. इस बात का ऐहसास रहने की वजह से निगमायुक्त द्वारा दिये गये निर्देशानुसार मुख्य लेखाधिकारी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि, अब किसी भी नये काम की निविदा या अंदाजपत्रकीय दस्तावेज लेखा विभाग में स्वीकार नहीं किये जायेंगे. कुछ अनुभवी व वरिष्ठ पार्षदों के मुताबिक मनपा के पास पैसा ही नहीं है और चुनाव के लिए भी निधी की जरूरत पडेगी. जिसके चलते प्रशासन द्वारा यह निर्णयि लया गया है.

Related Articles

Back to top button