* बाजार में खरीददारों की धूम
अमरावती/दि.26 – पोले के साथ त्यौहारों का सिलसिला शुरु हो रहा है. विशेष कर गणेशोत्सव और गौरी आगमन के लिए भाविक तैयारियों में लगे है. बाजार में भी गौरी के लिए लुभावने वस्त्र तथा आभूषण उपलब्ध हो गये है. बाजार में खरीददारों की धूम नजर आ रही है. ऐसे ही व्यापारी वर्ग ग्राहकों को अनेक पर्याय और रेंज के मुताबिक वस्तुएं उपलब्ध करवा रहे है. थोडी महंगाई के बावजूद 2 वर्ष बाद कोरोना फ्री वातावरण में लोगों का उत्साह अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करने वाला बना है.
* महालक्ष्मी का साजो सामान
गणेशोत्सव दौरान गौरी पूजन का उत्सव समूचे विदर्भ में लोकप्रिय है. ज्येष्ठा और कनिष्ठा के स्वागत में घर-घर सजावट होती है. ऐसे ही महालक्ष्मी को नाना प्रकार की चिजे अर्पण की जाती है. जिसे ध्यान में रखकर बाजार में महालक्ष्मी स्पेशल साडिया, नववारी, आभूषण और सजावट की वस्तुओं की भरमार नजर आ रही है. लोगों में महालक्ष्मी को लेकर अद्भुत श्रद्धा देखने में आती है. महालक्ष्मी के लिए नथ, चुडिया, अंगुठी, रानी हार, मोदक हार, मंगलसूत्र, ठूशी, कमरबंद, गजरा, पाचपदरी हार जैसे गहने सोने-चांदी के साथ-साथ इमिटेशन में भी उपलब्ध है. मंगलसूत्र 3999, नथ 499, चंदन 4799, कंगन 2499, ठूशी 2499, कमरबंद 3899, बाजुबंद 2199, नेकलेस 2899, मुकूट 3099 की रेंज में है. महालक्ष्मी उपलक्ष्य एक पर एक फ्री का चलन जोरदार हो रहा है. ऐसे ही विविध प्रकार की साडिया भी उपलब्ध है. जोडे से मिलने वाली इन साडियों में पैठनी के साथ कांजीवरम, बनारसी सिल्क, भागलपुरी सिल्क, बांधनी, गोटा, कास्ता, चंदेरी, बालुचारी आदि प्रकार की साडियां उपलब्ध है. लुगडा पैटर्न के दाम 3500 से लेकर 5 हजार तक है. उसकी अच्छी डिमांड रहने की जानकारी बाजार सूत्रों ने दी.
* सभी के बढे दाम
गणेशोत्सव के साथ गौरी आगमन के लिए घर-घर तैयारी हो रही है. बाजार में भी चहल-पहल है. खरीददारी पर ग्राहकों का जोर है. अगले कुछ दिनों तक यही क्रम रहने की संभावना है तथापि सभी वस्तुओं के दाम बढ गये है. दूकानदारों ने बताया कि, कच्चे माल के दाम बढे है, ऐसे ही मजूरी भी बढी है. जिसके कारण इस बार लगभग 20 फीसद रेट बढे है.
* मूर्तिकार उत्साहित
गौरी गणपति त्यौहार को देखते हुए इस बार मूर्तिकार भी बडे उत्साह में नजर आ रहे है. बीते 2 वर्ष उन्हें घाटा सहन करना पडा था. अब कोरोना का कोहरा पूर्ण रुप से हट जाने से मूर्तियों का बिजनस अच्छा होने की आशा है. सुंदर सुगठित मूर्तियां ग्राहकों को आकर्षित कर रही है.