अमरावतीविदर्भ

शिशुओं के विकास के लिए स्तनपान जरुरी

जिला विस्तार अधिकारी ज्योती कनाके ने दी जानकारी

अमरावती/दि.८ – सितंबर माह राष्ट्रीय पोषहार माह के रुप में मनाया जाता है. इस वर्ष पोष आहार दिवस के अवसर पर कुपोषण ग्रस्त बच्चों की पहचान और उनका पालन कर उन्हें विकसित करने का लक्ष्य है. उन्होंने स्वास्थ्य निर्माण के लिए सही ढंग से पालन-पोषण किया जाना चाहिए. माँ के गर्भ से ही तथा जन्म के बाद भी बच्चे की देखभाल जरुरी है. ताकि बच्चा गंभीर कुपोषण का शिकार न हो जाए. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र की जिलाधिकारी ज्योति कनाके ने दी.

विस्तार अधिकारी ने आगे कहा कि, गर्भवती होने के बाद से माँ का उचित आहार, व्यायाम, आराम और सकारात्मक सोच गर्भ में भ्रुण को विकसित होने में मदद करता है. शिशुओं के विकास के लिए स्तनपान भी जरुरी है. युनीसेफ विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैज्ञानिकों ने सिफारिश की है कि, एक घंटे के भीतर पहली बार शिशुओं को स्तानपान कराया जाए. यह अविकसित देशों में एक महीने से भी कम समय में जन्म वाली २२ फीसदी बाल मृत्यु को रोक सकेगा. माँ के पास बच्चे को गरमाहट मिलती है मस्तिष्क विकसित होने में गति मिलती है. शिशु को अपनी माँ से उपयोगी जंतु मिलते है जिससे किटाणुओं के संक्रमण से शिशुओं की रक्षा होती है. बच्चे को ६ माह का होने तक स्तनपान कराए उसके पश्चात उसे नरम व पूरक आहार देने की शुरुआत करें. जिससे शिशु का सही मात्रा में वजन बढेगा. चरणबद्ध विकास में उसे सहायता मिलेगी. बच्चों के ६ माह से २ साल की आयु में माँ कम से कम ५ से६ बार और २ से ५ साल में २ से ३ बार स्तनपान जारी रखे. ऐसी जानकारी पोषआहार दिवस के अवसर पर दी गई.

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