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कठोरा नाके की घटना
अमरावती – सरकारी जमीन का नमुना ८ अ नाम पर करके देने के साथ ही कानूनी कार्रवाई रोकने के लिए २० हजार रुपए रिश्वत लेने वाले ग्राम सेवक को एन्टीकरप्शन ब्युरो की टीम ने धर दबोचा. यह कार्रवाई कल सोमवार ३ बजे कठोरा नाका परिसर स्थित महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण कार्यालय के सामने की गई.
भरत शेषरावजी निस्ताणे (४८, देवरी निपाणी, तहसील भातकुली) यह गिरफ्तार किये गये रिश्वतखोर ग्रामसेवक का नाम है. पशुपालक शिकायतकर्ता अपने मवेशियों को गोबर खाद गांव के पास सरकारी जमीन पर डालते है. इसके कारण ग्रामसेवक भरत निस्ताणे ने चेतावनी देते हुए कहा कि उस जमीन से खाद तत्काल हटाए, ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और नोटीस थमाई. यह कार्रवाई न करने और उस जमीन का ८ अ नामपर करके देने के लिए ३० हजार रुपए की रिश्वत मांगी. तब दोनों के बीच २० हजार रुपए में सौदा तय हुआ और शिकायतकर्ता ने एन्टीकरप्शन ब्युरो विभाग में शिकायत दी. एसीबी की टीम ने मामले की छानबीन की. रिश्वत मांगने की बात स्पष्ट होने पर एसीबी की टीम ने कठोरा नाका परिसर स्थित महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के सामने जाल बिछाया. इस दौरान ग्राम सेवक भरत निस्ताणे ने शिकायतकर्ता से जैसे ही २० हजार रुपए की रिश्वत स्वीकारी. एसीबी की टीम ने ग्रामसेवक को रंगेहाथों धरदबोचा. यह कार्रवाई पुलिस अधिक्षक श्रीकांत धिवरे, अपर पुलिस अधिक्षक पंजाबराव डोंगरदीवे, उपअधिक्षक गजानन पडघन के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक संतोष शेगांवकर, प्रमोद धामोरकर, आशिष जांभोले, अकबर हुसैन की टीम ने की.