रिश्वतखोर सहसंचालक डॉ. मुरलीधर वाडेकर अब तक निलंबित नहीं
एन्टी करप्शन ब्युरो की टीम ने रंगेहाथों पकडा था
अमरावती/ दि.18 – महाराष्ट्र शासन के अमरावती विभाग के उच्च शिक्षा विभाग में सहसंचालक के पद पर कार्यरत डॉ.मुरलीधर वाडेकर को 30 जून के दिन सहयोगी प्राध्यापक का वेतन निश्चित करने के लिए 30 हजार रुपए की रिश्वत स्वीकारते हुए एन्टी करप्शन ब्युरो की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इतना संगीन मामला उजागर होने के बाद भी डॉ.वाडेकर को अबतक निलंबित नहीं किया गया. वाडेकर को किसका अभय प्राप्त है, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है.
डॉ.मुरलीधर वाडेकर को 1 से 4 जुलाई 2022 तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये गए थे. 4 से 18 जुलाई तक न्यायालयीन कस्टडी दी गई थी. डॉ. मुरलीधर वाडेकर को जमानत दे दी गई है, ऐसी जानकारी सरकारी कार्यालय से प्राप्त हुई है. शासन के नियमानुसार 48 घंटे से अधिक समय तक अगर सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार रहता है तो उसे तत्काल निलंबित किया जाता है, ऐसा रहने के बाद भी अब तक डॉ. मुरलीधर वाडेकर को निलंबित नहीं किया गया. इतना ही नहीं तो 11 जुलाई को अपने पूर्व पद पर पदासिन्न होने के लिए भी शासकीय विदर्भ ज्ञान विज्ञान संस्था में गए थे. परंंतु संचालक अंजली देशमुख ने वापस लेने से इंकार कर दिया. इसके कारण शासन भ्रष्टाचारी व्यक्ति का सहयोग करने का प्रयास कर रहा है क्या? ऐसी चर्चा शुरु है. एक ओर दूसरी चर्चा भी शुरु है कि, एक राजनीतिक पार्टी के उच्च पदस्थ व्यक्ति का डॉ.मुरलीधर वाडेकर का भाई पसर्नल असिस्टंट होने के कारण यह मामला दबाने का प्रयास किया जा रहा है. शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में मुरलीधर वाडेकर जेैसे रिश्वतखोर को कब निलंबित किया जाएगा, इस ओर सभी की नजर टीकी हुई हेै.