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रिश्वत खोर तहसीलदार गरड व बेलसरे को आज किया गया कोर्ट के समक्ष पेश

रूनय जक्कुलवार के पास तहसीलदार पद की जवाबदारी

चांदूर बाजार/दि.28- तहसीलदार गींताजली गरड सहित किरण बेलसरे इस निजी व्यक्ति को खेत के फेरफार करने के लिए रिश्वत की मांग करने व प्रोत्साहन करने के प्रकरण में एलसीबी की टीम ने पकडा था. जांच पूरी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उन्हें न्यायालय में पेश करने के बाद 28 मई तक पुलिस कस्टडी में रखा गया था. आज मंगलवार को उन्हें दोबारा न्यायालय में हाजिर किया गया. खबर लिखे जाने तक दोनों पर अदालत में कार्यवाही शुरू थी.
इस प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो ने तहसील कार्यालय में 4 से 5 अधिकारी व कर्मचारी के बयान लिया. पूरे प्रकरण में गहरी जांच शुरू है. चांदूर बाजार तहसील में अगर इस तरह की कार्रवाई पहले हो जाती तो भी किसानों के साथ आर्थिक लूट होती ही रहती थी. जिसके कारण अब इस प्रकरण से कितने सुधरेगें, यह देखने सब की नजर टीकी है. इस प्रकरण में देर रात तक तहसीलदार गरड का निलंबन नहीं हुआ था. वही चांदूर बाजार तहसील के तहसीलदार पद का पदभार रुनय जक्कुलवार के पास सौंपा गया है. यह आदेश जिलाधिकारी ने 27 मई को जारी किया. जिसके कारण अब नियुक्त किए गए तहसीलदार के सामने अवैध रेत तस्करी, अधिकारी व कर्मचारी के तालुका के मुख्यालय में रहने का विषय, अधिकारी पहचान पत्र जैसे अनेक विषय की चुनौती रहने वाली है. गीतांजली गरड के निलंबन की ओर राजस्व विभाग का ध्यान लगा है.
कार्यालय में निजी कर्मचारी किसके आदेश पर?
तहसील कार्यालय में 7 से 8 लोग पिछले अनेक वर्ष से निजी कर्मचारी के रुप में काम करते है. उनकी नियुक्ती कैसे की गई, यह बडा प्रश्न निर्माण करता है. नेक तलाठी के पास 1 से 2 निजी कर्मचारी कार्यरत है. इन निजी व्यक्तियों के माध्यम से कुछ तलाठी लगातार घोलमाल करने का आरोप स्थानीय किसानों की ओर से किया जाता है. जिसके कारण इस विषय पर नवनियुक्त तहसीलदार क्या निर्णय लेते है? यह प्रश्न भी सामने उठ रहा है.
तहसील में खोके से आर्थिक नियोजन?
तहसील कार्यालय में अनेक आर्थिक व्यवहार यह परिसर में लगे ई-सेवा के नाम पर लगे रहने वाले खोके से चलने की चर्चा है. जिसके कारण अब यह खोके मालक इन पर कौन, कब और कैसे कार्रवाई करता है. यह भी चर्चा बनी हुई है और एसीबी की नजर भी इन पर लगी है.

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