
* राधाकृष्ण मंदिर में वरूधिनी एकादशी
* पहलगाम शहीदों को श्रध्दासुमन
अमरावती / दि. 24-सशक्त बनने के लिए धर्म की साधना आवश्यक है. इसके लिए हमें हमारी संतानों को भी मंदिर लाना होगा ताकि वे धर्म, कर्म भलीभांति सीख लें, अपना लें. यह अनुरोध प.पू. श्याम महाराज ने किया. वे आज प्रात: रंगारी गली स्थित राधाकृष्ण मंदिर में श्री राधा कृष्ण सेवा समिति द्बारा आयोजित एकादशी महाआरती अवसर पर व्रत का महत्व बतला रहे थे. आज की वरूधिनी एकादशी का महाराज मान्धाता से सीधा संबंध आपने विषद किया.
महाराज जी ने संस्कृतनिष्ठ हिन्दी में बडे सधे उच्चारण के साथ एकादशी की कथा का वर्णन किया. उन्होंने बताया कि वरूधिनी एकादशी करने से ओम नमों भगवते वासुदेवाय के 10 हजार जाप का फल, पुण्य प्राप्त होता है. शारीरिक विकार और व्याधि से मुक्ति मिलती है. आपने कहा कि एकादशी के भी अलग- अलग प्रकार है. हमारे ग्रंथों में त्याग का बखान किया गया है. ऐसे में आनेवाली एकादशी पानी के त्याग अर्थात निर्जला एकादशी होगी. उसी प्रकार कुछ एकादशी में दूध का और कुछ में फलाहार का भी त्याग वर्णित है. महाराज जी ने राधाकृष्ण समिति के प्रयासों को एक बार फिर सराहा. उन्होंने एकादशी महाआरती में अधिकाधिक भाविकों से सहपरिवार, बच्चों व संतान के साथ आने का आग्रह बारंबार किया.
महाराज श्री के आवाहन पर सभी ने पहलगाम के आतंकी हमले में शहीद देश के सामान्य नागरिकों को दो मिनिट मौन रखकर श्रध्दांजलि अर्पित की. श्याम महाराज का स्वागत निर्मल लढ्ढा, भगवानदास भट्टड, नंदकिशोर कलंत्री, नितिन सारडा आदि ने किया. आज के यजमान सपना नकुल राठी अकोला, कृष्णा सुरेश दरक, सूरज देवी भीकमचंद जी भूतडा, राधिका अभिषेक कासट, रमण कमलकिशोर झंवर, गायल माता परिवार आसोप और गोपालदास राठी परिवार सायत रहे. बडी संख्या में धर्म परायण की उपस्थिति रही.