महिला नीति लाने से काम नहीं होगा, प्रभावी क्रियान्वयन जरुरी
सुलभाताई खोडके बजट सत्र में आक्रमक
अमरावती/दि.8- अमरावती की विधायक सुलभाताई खोडके ने बजट सत्र मे आज सरकार व्दारा नई महिला नीति की घोषणा पर कहा कि, केवल नीति लाने से काम नहीं होगा, बल्कि उसका प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है. महिलाओं के विषय हल करने सरकार को ठोस भूमिका लेनी पडेगी. सुलभाताई ने सदन में जोरदार अंदाज में महिलाओं की विविध दिक्कतों और समस्याओें को रखा.
उन्होंने कहा कि, देश में कर्तव्यनिष्ठ, पराक्रमी, प्रतिभाशाली महिलाओं का इतिहास है. प्रत्येक कालखंड में महिलाओं ने अनेक विरोध सहन किए, अपने हक के लिए संघर्ष किया. समाज व्यवस्था की आतताई बेडियां तोडकर परिवर्तन किया. राजसत्ता, शिक्षा, प्रशासन, समाजकारण में महिलाओं ने अपने काम से छाप छोडी. आज भी महिलाओं की सभी क्षेत्रों में आगे कूच जारी है. संवैधानिक पदों पर भी महिलाओं ने अपने कुशल कार्य का परिचय दिया है.
विधायक महोदया ने सदन में जोर देकर कहा कि, महिलाओं के लिए करने के लिए काफी कुछ है. फिर भी जागरुकता का अभाव है. महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं है इसके लिए सरकार को आगे आना होगा. सुलभाताई ने राज्य में अब तक तीन बार महिला नीति घोषित होने की तरफ सदन का ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि, शरद पवार के कार्यकाल में पहली बार 22 जून 1994 को महिला नीति घोषित हुई थी. देश में पहली बार महिला नीति लाने के लिए राज्य का सर्वत्र कौतुक भी हुआ था. मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने 2002 में दूसरी महिला नीति घोषित की. महिलाओं को केंद्र में रखकर आर्थिक नियोजन, ग्रामपंचायतों में महिला जनप्रतिनिधियों को अधिक अधिकार और नियोजन में महिलाओं का सहभाग जैसे निर्णय किए गए थे. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई थी. सुलभाताई ने विधानसभा में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटे रखने की मांग की और खेतीहर महिला मजदूर को भी पुरुष के समान वेतन देने की मांग उठाई. उन्होंने बहुत ही विस्तृत निवेदन सदन में किया. जिसमें गर्भलिंग निदान विरोधी कानून से लेकर महिला सुरक्षा तक मुद्दे शामिल थे.