अमरावती

ब्रिटीशकालीन भिवापुर तालाब सूखने की कगार पर

अंजनगांव बारी में गहराया जलसंकट

बडनेरा/ दि.5 – शहर से सटे 15 हजार जनसंख्या वाले अंजनगांव बारी में 400 वर्ष पुराने ब्रिटीशकालीन भिवापुर तालाब में जलस्तर तेजी से कम होता जा रहा है और अब वह सूखने की कगार पर है. जिसके चलते अंजनगांव बारी में जलसंकट गहराया है. दिनो दिन यहां पेयजल की समस्या बढती ही जा रही है. अंजनगांव बारी की पेयजल की समस्या दूर हो इसके लिए ग्रामपंचायत ने जलजीवन प्राधीकरण अंतर्गत 8 करोड की जलस्वराज योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया.
समीपस्थ ब्रिटीशकालीन 400 वर्ष पुराने भिवापुर तालाब से इस योजना के लिए पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवायी गई. पिछले वर्ष हुई प्रचूर मात्रा में बारिश के चलते तालाब लबालब हो गया था. किंतु पिछले कुछ सालों से इस तालाब की गाद नहीं निकाले जाने की वजह से जलस्तर तेजी से कम होता गया. इस तालाब से अंजनगांव बारी के अलावा आस-पास के सात गांवो में भी जलापूर्ति की जाती है. ग्रीष्मकाल में तालाब की गाद न निकाले जाने से और भी समस्याएं निर्माण हो सकती है.
ग्रामपंचायत की ओर से वनविभाग व संबंधित अधिकारियों को इस संदर्भ में सूचित किया गया था. लेकिन उनके व्दारा अनदेखी किए जाने से वर्तमान में हर चार दिन के बाद तालाब से पानी छोडा जा रहा है. सभी के घरों में चार दिन के अंतराल पर पानी पहुंच रहा है. गांव में भीषण जल समस्या निर्माण हुई है. जल समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन व जल प्राधिकरण की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय को पर्यायी सुविधा के लिए कौंडेश्वर तालब से पानी देने का अनुरोध किया गया है.
आगामी एक पखवाडे के भीतर इस संदर्भ में जिला प्रशासन व्दारा निर्णय नहीं लिया गया तो, यहां भीषण जल समस्या निर्माण होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. वर्तमान में भिवापुर तालाब का जलस्तर कम होने से चार दिन बाद छोडे जाने वाले नलों में दूषित पानी आ रहा है. जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य को भी निर्माण हो गया है. लोगों के घरों तक जलस्वास्थ्य योजना के तहत पानी पहुंचाने बिछाई गई पाईपलाइन के लिए गांव की सडके खोदी गई थी. उसे दुरुस्त नहीं किए जाने से सडकों की भी अवस्था काफी दयनीय है.

* जल्द पर्यायी व्यवस्था किए जाने की मांग
अंजनगांव बारी के नागरिकों ने भिवापुर तालाब का जलस्तर कम होने पर निर्माण हुई जलसमस्या को देखते हुए पर्यायी व्यवस्था कौंडेश्वर तालाब से पानी उपलब्ध करवाने के लिए करे, ऐसी मांग जलप्राधिकरण से की है. इस संदर्भ में ग्रामपंचायत ने भी प्रस्ताव भिजवाया है.

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