अमरावती

बसपा ने निकाला जनाक्रोश धिक्कार मोर्चा

राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को निवेदन

अमरावती/दि.20- देश की 85 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति-जमाति व अन्य मागास वर्गीय है. इन सभी समाज के अधिकांश युवक सेना में नौकरी के लिए इच्छूक रहते है. लेकिन केंद्र सरकार ने अग्निपथ कानून लाकर इन सभी युवकों को बेरोजगार बनाने की दिशा मेें कदम उठाया है. यह कानून तुरंत रद्द किया जाए तथा ओबीसी समाज को अरक्षण मिले आदि मांगों को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने जिलाधीश कार्यालय पर विशाल जनोक्रोश धिक्कार मोर्चा से दस्तक देकर राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को निवेदन सौंपा. अमरावती जिले में मंजूर मेडिकल कॉलेज तुरंत शुरु किया जाए, आशा वर्कर्स को शासन निर्णयानुसार प्रति माह 2100 रुपए मानधन दिया जाए, आशा वर्कर को सरकारी दर्जा मिले, शहर के झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीबों को पीआर कार्ड दिये जाए आदि मांगे निवेदन में की गई.
शहर में मनपा स्कूलों की स्थिति दिन ब दिन खराब हो रही है. स्कूलों की पटसंख्या घट रही है. स्कूलों की जगह पर अतिक्रमण बढ रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना व रमाई आवास योजना के काम ठप्प पडे है. शहर में लोगों को पर्याप्त पीने का पानी नहीं मिल रहा. महंगाई में आम लोगों का जिना मुश्किल कर दिया है. इन सभी मुद्दों पर राष्ट्रपति महोदय व सरकार ध्यान दें, यह मांग बसपा पदाधिकारियों ने जनाक्रोश धिक्कार मोर्चा से की. आंदोलन में एड. संदिप ताजने, सुनिल डोंगरे, चेतन पवार, दिपक धुरंदर, निर्मला बोरकर, सुदाम बोरकर, सचिन वैद्य, चेतन वानखडे, नेत्रा बेले, साक्षी चिंचखेडे, महेंद्र डोंगरे, वसंत धंदर, सुरज भगत, शुभम सुर्यवंशी, सागर डहाके, बंटी वानखडे, धर्मदीप वानखडे, राहुल ढोके, किरण तायडे, श्रेयश माटे, विनय पहालन, संदीप लोखंडे, कुणाल पासरे, रोहित पछेल, वर्षा अंभोरे, लता ब्राह्मणे समेत असंख्य नागरिक शामिल थे.

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