अमरावती

बीटी कपास की दरवृद्धि, जिले के किसानों को चुकाने होंगे 5.59 करोड से अधिक

बीज की महंगे दाम से बिक्री

अमरावती / दि. 26-बीटी बीज के एक पैकेट पर 42 रुपये की बढ़ोतरी होने से इस साल जिले के किसानों को 5 करोड़ 59 लाख रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. इस वर्ष जिले में 2 लाख 63 हजार रकबे में कपास लगाई जाएगी. इसके लिए कृषि विभाग ने 1.3 लाख पैकेट का ऑर्डर दिया है. पिछले साल के रेट पर गौर करें तो इस साल प्रति पैकेट 43 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसलिए बीज खरीदने में किसानों की जेब कटनी पड़ेगी.
पिछले साल बीटी कपास के 450 ग्राम का एक पैकेट 810 रुपये का मिलता था. इस साल 853 रुपये चुकाने होंगे. इसलिए 13 लाख पैकेट के लिए करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. एक ओर जहां पिछले साल की तुलना में कपास को कम कीमत मिली. जिसके कारण किसान पहले ही दिक्कत में आए है, उसमें ही खरीफ सीजन के दौरान भारी बारिश और रबी सीजन के दौरान बेमौसम बारिश की वजह से किसानों के दोनों सीजन डूब गए. ऐसे में बीजों की बढ़ती कीमत ने किसानों को संकट के खाई में लोट दिया है. पिछले साल कपास की औसत कीमत 10,000 रुपये प्रति क्विंटल थी. इस साल 7 हजार से ज्यादा रकम में लेने कोई तैयार नहीं था. इसलिए खरीफ की तैयारी के लिए अनेकों को जो दाम मिले उस दाम में कपास बेचना पडा. अब जब ऊंचे दाम पर बीज खरीदने का समय आ गया है तो एक और समस्या खड़ी हो गयी है. कृषि विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में कृषि योग्य कुल क्षेत्र 6 लाख 80 हजार हेक्टेयर है. इसमें से 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर में कपास की खेती होगी. बारिश की देरी के कारण इस साल उडद, मूंग की बुआई नहीं हो सकेगी. ऐसी स्थिति में वैकल्पिक फसल के रूप में कपास की बुआई और भी बढ सकती है.
* दोहरा झटका लगेगा, किसान सभा का संघर्ष जारी
जिले में कपास की खेती के कुल क्षेत्रफल पर गौर करें तो इस वर्ष लाखों पैकेट से अधिक की आवश्यकता होगी. इससे किसानों को 5 करोड़ 59 लाख रुपये अधिक चुकाने होंगे. अभी तक किसी भी सिस्टम ने यह स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि यह मूल्य वृद्धि क्यों की गई. जिला पदाधिकारी एम. वाई शहाणे ने कहा. खुले बाजार में इस साल कपास की कीमत में गिरावट आई है, लेकिन कपास की कीमत में वृद्धि जारी है. ऐसे में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी.
* …..तो दोबारा बुआई का संकट आ सकता है
बीटी बीज बोने से लेकर कपास की कटाई तक प्रति एकड़ लागत लगभग 30 हजार आती है. लेकिन पैदावार प्रति एकड़ पांच से छह क्विंटल से ज्यादा नहीं होती. भाव अच्छा होने पर ही बुआई की लागत मिलती है. पिछले साल 450 ग्राम बीटी बीज बोने के लिए प्रति एकड़ दो से ढाई पैकेट बीज की जरूरत पड़ती थी. कीमतें बढ़ने के कारण इस साल बीजों की खरीदारी कम हो जायेगी. यदि वर्षा अनियमित हो तो दोबारा बुआई की भी समस्या होती है. फसल कटाई के दौरान बारिश होती है. अत: कपास का उत्पादन घट जाता है तथा ग्रेडिंग भी खराब हो जाती है. इसलिए सरकार को किसानों का ख्याल रखना चाहिए.
-रामेश्वर राऊत, किसान, मायवाड़ी, मोर्शी.

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