अमरावतीमहाराष्ट्र

बुध्द विहार यह समाज शिक्षा का प्रभावी माध्यम

उपजिलाधीश अनिल भटकर का प्रतिपादन

अमरावती/दि.7– विविध समाजशील उपक्रमों के माध्यम से बुध्द विहार से निकोप समाज की निर्मिती होती है। इस कारण बुध्द विहार में समाज शिक्षा का एक प्रभावी माध्यम रहने का प्रतिपादन अमरावती के उप जिलाधीश अनिल भटकर ने किया. स्थानीय फॉरेस्ट कालोनी स्थित संबोधी विहार के बुध्द मूर्ति के लोकार्पण समारोह में वे बतौर अध्यक्ष उपस्थित थे.
अमरावती जिला परिषद के कैफो चंद्रशेखर खंडारे, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राहुल आठवले, बडनेरा के थानेदार पुनीत कुलट, पीएसआई श्यामसुंदर तायडे आदि कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे. बुध्द प्रतिमा व बोधीसत्व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा को अभिवादन कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई. भंते श्रीपाद महास्थवीर व भिक्षु संघ की ओर से बुध्द वंदना व धम्म देसना दी गई. अतिथियों के प्रबोधन पर भाषण हुए. इस अवसर पर भगवान इंगले, देवचंद शेंडे, शंकर मेश्राम, मनोज रंगारी, प्रदीप गायकवाड को उनके धम्म कार्य के योगदान पर अतिथियों के हस्ते सम्मानित किया गया तथा नुपुर कला अकादमी के प्रकाश मेश्राम व उनके बाल कलाकार व यशस्वी स्पर्धक सागर मेश्राम का भी मान्यवरों के हस्ते सम्मान किया गया. कार्यक्रम का संचालन रवींद्र चवरे ने किया. प्रास्ताविक संबोधी की उपाध्यक्ष प्रेमलता वाघमारे ने व आभार प्रदर्शन भीमराव गायकवाड ने किया.कार्यक्रम के सफलतार्थ साईनगर परिसर के नालंदा बुध्द विहार, विश्व शांति बुध्दिस्ट मंडल, भीम ज्योतक्रीडा मंडल, क्रांति ज्योति महिला मंडल, संत कबीरा सेवा समिति व महार रेजिमेंट पूर्व सैनिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रयास किए. संबोधी बुध्द विहार समिति के अध्यक्ष गौतम आवले, सचिव रमेश वासनकर, प्रल्हाद इंगोले, अवधुत शेंडे, दुर्योधन देवलेकर, जानराव वाघमारे, मनोज पार्वे, सतीश नाईक, सुनील शेंडे, गजानन इंगले, राजू गोंडाणे, देवा शेंडे आदि ने प्रयास किए.

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