अमरावती

बुध्दिस्ट आंदोलन रहा पीछे- डॉ.राजरत्न आंबेडकर

महार रेजीमेंट का स्थापना दिवस उत्साह से मनाया

अमरावती/दि.2- बहादुर पूर्व सैनिक कल्याणकारी बहुउद्देशीय संगठना व यश सिध्दी वर्तमान-पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय वेल्फेअर असोसिएशन की ओर से महार रजीमेंट का 83 वां स्थापना दिवस 82 वा वर्धापन दिन रविवार को संगीत सूर्य भोसले सभागृह में संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम में डॉ. राजस्व आंबेडकर बोल रहे थे. इस अवसर पर मंच पर प्रमुख अतिथि के रूप में महार रेजीमेंट के वीरचक्र शौर्य पुरस्कार प्राप्त हवालदार कचरू सालवे, लेडी गवर्नर कमलताई गवई, शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राहुल आठवले, कॅप्टन जयदेव लोखंडे, सुभेदार प्रदीप गायकवाड, हवालदार राजेंद्र खोब्रागडे, हवालदार गजानन इंगले आदि उपस्थित थे. डॉ. राजरत्न आंबेडकर ने उनके दो घंटे के भाषण में महार रेजीमेंट का संपूर्ण इतिहास रखकर उनका महत्व बताया. महार रेजीमेंट में सैनिकों के वंशज ये बुध्द की रक्षा करनवाले नागवंशी लोग है. ये योध्दा यानी महार रेजीमेंट है. शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीति सभी क्षेत्र मेें अपन अपनी स्वयं की छाप नहीं बना सकें.
यह कार्यक्रम लेने के लिए हमें दूसरों की शैक्षणिक ऑडिटोरील हॉल में कार्यक्रम लेना पडता है. ये हमारे कार्य शून्य है. ऐसा भी इस समय डॉ. राजरत्न आंबेडकर ने कहा. पुलिस उपायुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने अपने विचार प्रकट किए व रेजीमेंट दिन की शुभकामना दी. लेडी गवर्नर प्राचार्या कमलताई गवई ने विचार व्यक्त किए. इस समय 1962, 1965 तथा 1971 के युध्द के वीरयोध्दा व सैनिकों का सम्मान किया गया. महार रेजीमेंट की स्थापना दिन का केक काटा गया. वीरचक्र, शौर्य पुरस्कार प्राप्त हवालदार कचरू सावले का सत्कार किया गया.
सुभेदार जयश्री लोखंडे, रमेश इंगले, हरिदास वानखडे, महादेव सिरशाट, विजय इंगले, सुभेदार शंकर डोंगरे, विनायक इंगले, संतोष मोहोड, सुभेदार मधुकर वानखडे, उत्तम मनोहर, प्रदीप गायकवाड, ह.जी. शेंडे, जगन्नाथ गवई, तुकाराम चांदेकर, राजेंद्र कुमार खोब्रागडे, संजय सदाशिव, अमर इंगले, सिध्दार्थ इंगले, अशोक इंगले, नंदकिशोर धनदर, वासुदेव तायडे, सुनील पानझडे, अमोल इंगले, गौतम तायडे, श्रीराम मकेश्वर, अनिल डोंगरे, बीएस राव, गजानन इंगले, अविनाश गायकवाड, मनोहर कोकणे, गौतम बनसोड, कमलेश धाकडे, मनोज सोनटक्के, रमेश वानखडे, धर्मराज बोरकर, सतीश नाईक, सिध्दार्थ जामनिक, विनोद सदाशिव, बाबाराव बनसोड, अरूण हरणे, एड. सिध्दार्थ शेंडे, मनोहर गुडदे, दिलीप गावंडे, राजू गोंडाने, कैलाश धांदे, विजय मेश्राम, विश्वनाथ वानखडे, विठ्ठलराव वानखडे, भीमराव गायकवाड, दीपक वानखडे, नाना मकेश्वर, सुधीर आठवले, रमेश आठवले, मिलिंद वाकोडे, सुनील रौराले, मिलिंद भगत, रमेश रामटेके, रविंद्र डोंगरे, रविंद्र वानखडे, सुरेश आसोलकर, उत्तम डोंगरे, विजय छबे, सुधीर सदाशिव, प्रभाकर हिवराले, केशव वासुदेव व अन्य वर्तमान- पूर्व सैनिकों को उसमें सहभाग था. वीर सैनिकों के परिवार की इस कार्यक्रम में उपस्थिति थी. कार्यक्रम का संचालन अनिता गवई व राजेंद्र खोब्रागडे ने किया तथा गजानन इंगले ने आभार माना.

* डॉ. आंबेडकर पुतले को अभिवादन
वर्तमान- पूर्व सैनिकों सहित उपस्थितों ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक मेंं डॉ.आंबेडकर के पुतले का अभिवादन किया. उसके बाद पुतले से संगीतपूर्व केशवराव भोसले सभागृह तक जयघोष कर वीर योध्दा की जिप व बाईक रैली से शोभायात्रा निकाली गई. कार्यक्रम स्थल पर कोरेगांव स्तंभ को अतिथियों ने फूलों की वर्षा कर मानवंदना दी.

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