सुसंस्कार शिविर के माध्यम से देश-धर्म-संस्कृति के पोषण हेतू पीढी का निर्माण – प्रमोद पोकले
गुरुकुल में शिविर की महिमा बताई
* 250 शिविरार्थियों से बातचीत की
तिवसा/दि. 13– भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा को मद्देनजर रखते हुए राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज के ग्रामगीता तत्वज्ञान प्रणाली के अनुसार संतो और महापुरुषों के चिंतन से विभिन्न प्रकार के बौद्धिक, बलसंवर्धनार्थ व्यायाम और भजन के माध्यम से देश-धर्म-संस्कृति का पोषण करनेवाली आदर्श भावी पीढी का निर्माण करना सर्वांगिण सुसंस्कार शिविर के माध्यम से संभव है. दूरदर्शन और आकाशवाणी के लोक कलाकार और भजन गायक प्रमोद पोकले ने कहा कि सत्कार्य श्री गुरुदेव अध्यात्म गुरुकुल फल-फूल रहा है.
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के कुशल प्रचारक गीताचार्य पूज्य तुकारामजी की प्रेरणा से स्थापित गुरुकुंज मोझरी में स्थित अध्यात्म गुरुकुंज में सर्वांगिण बाल शिक्षा शिविर में भजन प्रबोधन करते हुए बोल रहे थे. इस अवसर पर गुरुकुल प्रधान संचालक रविदादा मानव, सप्त खंजिरी प्रचारक भाऊसाहेब थुटे, शिविर मार्गदर्शक ह.भ.प. नामदेवराव गव्हाले महाराज, छायाताई मानव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. 1 मई से शुरु हुए इस शिविर में विदर्भ और तेलंगना राज्य के लगभग 250 छात्रो ने नामांकन कराया है. सुबह 4.30 बजे से रात 9.30 बजे तक आदर्श दिनचर्या में बौद्धिक, व्यायाम और भजन-संगीत के माध्यम से महापुरुषो की जीवनियां और कहानियां सुनाई जा रही है. 15 मई तक चलनेवाले इस शिविर की सफलता के लिए शिविर शिक्षक सुधीर निस्ताने, तुलसीदास जुनझुरकर, मुकेश कोल्हे, प्रज्वल चोखट, आर्यन खडसे, डॉ. श्रीकांत काले, प्रज्वल टोंगे, हर्ष बारापात्रे, विशाल ठाकरे, प्रदीप चौधरी, दीपक बेलकर, महादेव कांडलकर आदि अथक प्रयास कर रहे है.