* सभी तीर्थस्थलों के दर्शन सुलभ
* महाकुंभ प्रयागराज का अनुभव शानदार
* ठंड के बावजूद बडे-बुजुर्गों ने पग-पग पर दी प्रेरणा
* सुरक्षा बंदोबस्त के सभी अधिकारी व कर्मी सैल्यूट के हकदार
अमरावती/दि.25– अमरावती के दो पक्के मित्र बुलंद सोनी और विनय आजनकर ने साथ-साथ कुंभ स्नान का पुण्य कमाया. शुक्रवार को संगम में डुबकी लगाकर प्रयागराज के आसपास के प्रत्येक तीर्थक्षेत्र विशेषकर हनुमान मंदिर के दर्शन कर अपने मोबाइल हैंडसेट में महाकुंभ की स्मृतियों को संजोया. सोनी और आजनकर ने वहां की व्यवस्थाओं को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि, बडे-बडे बिजनेस स्कूल और मैनेजमेंट स्कूल के निष्णांत भी कुंभ के ऐसे इंतजाम नहीं कर पाते. जिस तरह का नियोजन और प्रबंध इस बार प्रयागराज में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किया है.
सोनी और आजनकर ने आज फोन से बातचीत में अमरावती मंडल के साथ अपना कुंभ स्नान संस्मरण शेयर किया. उन्होंने कहा कि, वे कम समय में समस्त प्रयागराज और परिसर में तीर्थयात्रा कर वापसी की राह पर है. आज रात्रि तक उनका अमरावती लौटने का नियोजन है. उन्होंने बताया कि, सभी प्रकार की व्यवस्था न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि इतना बढिया प्रबंध देखकर खुद के सनातनी और भारतीय होने का अभिमान हो जाता है. कुंभ में संगम स्थल पर दूर-दूर तक जहां तक नजर जाती, वहां तक लहराते केसरिया परचम और सभी प्रकार के महान विभूतियों, साधू-संतों के दर्शन से जीवन धन्य होने समान अनुभूति होती है. क्षण-क्षण में लोगों की श्रद्धा, आस्था को देखकर भी शीश स्वंय झुक जाता है. संगम में डुबकी लगाने का यह अवसर व अनुभव अब उम्रभर नहीं भूलेगा.
* संगम तट का मनोरम, भव्य दृश्य
बुलंद सोनी ने बताया कि, संपूर्ण संगम तट लाखों श्रद्धालुओं से ओतप्रोत है. वहां की प्रत्येक व्यवस्था अनुभव करने लायक है. ऐसे में संक्रांति के अमृत स्नान पर जहां करोडों लोग एकत्र हुए थे. यह अनुभूति अपने आप मेें वन्स इन ए लाइफ टाइम कही जा सकती है. हम मित्र संगम तट की ओर निकल पडे. हमारे संग बेशक लाखों श्रद्धालु भी बडी आस्था से तट की ओर चल रहे थे. सभी एक-दूसरे का उत्साह अपने-अपने इष्ट का जयकारा करते एवं हर-हर गंगे का उद्घोष करते कर रहे थे. सचमुच बिरले क्षण थे वे. वहां का नजारा मनोरम, भव्य-दिव्य कह सकते हैं. उसी प्रकार व्यवस्थाओं और नियोजन के लिए तो हमारे पास शब्द कम पडेंगे.
* सुरक्षा बलों को सलाम
वाहनों को संगम तट से 5 किमी दूर रोका गया. अर्थात जवानों के लिए यहीं व्यवस्था रही. बुजुर्ग और बीमार जनों के लिए थोडे आगे तक इलेक्ट्रीक कार्ट उपलब्ध की गई है. प्रयागराज प्रशासन विशेषकर महाकुंभ का प्रबंधन करने वाले अधिकारी साधूवाद के पात्र हैं. इनसे भी बढकर सुरक्षा बलों के जवानों की जिम्मेदारी लग रही है. कोहरे से भरी सुबह-शाम वे लोग अपनी ड्यूटी पूरी सजगता से कर रहे हैं. कही कोई अव्यवस्था न होने पाये, इसका हमारे सुरक्षा जवान पूरा ध्यान रख रहे हैें. उनकी जिम्मेदारी को देखकर ऐहसास होता है कि, हम सामान्य नागरिक कितनी सुख-सुविधा से रहते हैं. इन जवानों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों का समावेश है. महिला व युवतियां भी अपनी वर्दी के साथ पूरी शान से महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था विशेषकर वृद्धजनों को सहायता में अग्रणी है. यह देखकर सचमुच बडा अच्छा लगा. अभिमान भी हुआ.
बुलंद सोनी ने बताया कि, वे अपने मित्र विनय के साथ 20 जनवरी को रात 2.30 बजे प्रयागराज चौकी स्टेशन पहुंचे. ऑटो रिक्शा से सेक्टर नंबर 21 ने बडनेरा रोड के शक्तिपीठ हनुमान मंदिर की ओर से लगाये गये पंडाल में विश्राम किया और तडके 5 बजे गंगा स्नान के लिए पहुंचे. त्रिवेणी संगम के पास नागा साधू और संत महात्माओं के दर्शन हुए. बडे हनुमानजी के दर्शन करने जाने पर डेढ किमी लंबी कतारे थी. 5 घंटे में दर्शन कर सके. सेक्टर नंबर 1 परेट चौराहा स्थित जन आश्रम स्थल विश्राम करने पहुंचे. वहां 24 घंटे के लिए मात्र 100 रुपए में साफ सुथरा प्रसाधन और ओढने-बिछाने की सुविधा मिली. 100 कदम की दूरी पर सरकारी फ्री चिकित्सालय है. अगले दिन सबेरे 7 बजे पुन: त्रिवेणी संगम में स्नान किया. उपरान्त बडे हनुमान मंदिर के बगल में प्राचीन किले पर अक्षय वट, पातालेश्वर मंदिर, सरस्वती माता, लक्ष्मी माता और यमराज मंदिर के दर्शन हुए. जीवन में पहली बार एक साथ इन देवी देवताओं की मूर्तियां देखी. बडे हनुमान मंदिर से 3 किमी दूर नाग वासु की मंदिर है. वहां से दर्शन बाद हम आलोपीजी देवी शक्तिपीठ के दर्शन के लिए गये. फिर विश्रामगृह लौट आये. तीसरे दिन प्रात: पुन: गंगास्नान किया. श्री आदिशंकर विमान मंडपम में दर्शन के लिए रवाना हुए. तिरुपति बालाजी, नटराज महाराज, युग सहस्त्र भगवान के दर्शन हुए. मन कामेश्वर मंदिर भी गये. ऋणमुक्तेश्वर भगवान के दर्शन किये. संध्या समय 7 बजे कालीघाटी किडगंज पर नदी के किनारे लेझर शो का उद्भूत नजारा देखा. जिसमें कुंभ के बारे में भी जानकारी दी गई. पौने दो घंटे के दो शो होते हैं. चौथे दिन सेक्टर 16, 17, 18, 19, 20, 21 में नागा साधू, भारतीय संतो, विदेशी संतों के दर्शन किये. फिर राम मंदिर अयोध्या के लिए प्रस्थान किया. प्रयागराज में साफ सफाई, सुरक्षा और सभी प्रबंधों के लिए बारंबार धन्यवाद दे रहे थे हम योगी सरकार को.