अमरावती

प्रहार के बंटी रामटेके ने रमन पाटिल का खत्म कराया अनशन

पिछले तीन दिनों से मजीप्रा कार्यालय के सामने जारी था आंदोलन

* समान काम, समान वेतन के अनुसार लाभ देने हेतु की थी मांग
अमरावती/ दि. 21– महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के सेवानिवृत्त कर्मचारी रमन पाटिल को सरकारी लाभ से वंचित रहना पड रहा है. जिसके कारण प्रलंबित मांग पूरी कराने के लिए पिछले तीन दिनों से मजीप्रा कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रहार के महानगरप्रमुख बंटी रामटेके ने मजीप्रा के मुख्य अभियंता से सकारात्मक चर्चा करने के बाद पाटिल का अनशन खत्म कराया.
समान काम, समान वेतन व पदोन्नति में अन्याय किए जाने का आरोप रमन पाटिल ने लगाया था. इस मामले में बडे पैमाने में भ्रष्टाचार किए जाने का दावा भी उन्होंने किया था. मजीप्रा कार्यालय में उपविभाग क्रमांक 3 से परिमंडल नागपुर तक गलत जानकारी भेजी. जिसके कारण सरकारी लाभ से वंचित रहने के कारण पाटिल ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था. इसमें वर्ष 1985 से पंप चालक पद पर लेने के बाद से अब तक का बकाया अदा किया जाए. समान काम, समान वेतन इस नियम के अनुसार पदोन्नति दिए कर्मचारियों की पदोन्नति रद्द करे. भ्रष्टाचार की जांच कर संबंधित दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर जात प्रतिबंध कानून के अनुसार पुलिस में अपराध दर्ज करें. रिपोर्ट में त्रुटियां रखकर रिपोर्ट पेश की. मजीप्रा के पैनल पर रहनेवाले वकील ने अदालत ने कार्यालय का पक्ष क्यों नहीं रखा, ऐसा सवाल पाटिल ने किया है. सेवा वरिष्ठता सूची में भी झूठी नियुक्त किया. दिखाने के बाद अदालत में पैनल के वकील ने क्या किया, इस पर स्पष्टीकरण दे, जैसी मांगों को लेकर रमन पाटिल अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे. प्रहार के महानगर प्रमुख बंटी रामटेके ने पहल करते हुए मुख्य अभियंता से सकारात्मक चर्चा की. मांग के बारे में जांच कर न्याय दिलाने के लिए लिखित पत्र देने के बाद अनशन खत्म कराया गया. इस समय प्रहार के संपर्क प्रमुख गोलू पाटिल, विक्रम जाधव, वृषभ मोहोड, सुधीर मानके, मनीष पवार, सौरभ रत्नपारखी, रावसाहब गोंडाने, प्रतीक गोंडाने समेत प्रहार जनशक्ति पक्ष के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे .

 

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