अमरावतीमहाराष्ट्र

पूर्णा प्रकल्प के सातबारा पर बकाया जुर्माने का बोझ

57.87 लाख का जुर्माना

* तहसीलदार गरड ने की कार्रवाई
चांदूर बाजार/दि.20– तहसील के पूर्णा प्रकल्प परिसर में मुुरुम का भंडारण का बिना अनुमति के उत्खनन एवं परिवहन किया गया. पटवारी व सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हुई. इस संबंध में आदेश में इंजीनियर के नाम का उल्लेख नहीं होने से पूर्णा प्रकल्प के स्वामीत्व वाली जमीन के सातबारा पर 57.87 लाख की जुर्माना राशि लगाई गई है. यह कार्रवाई तहसीलदार गीतांजलि गरड ने की.

तहसील के मध्यम व लघु सिंचाई उपविभाग-3 द्वारा क्रियान्वित किए पूर्णा प्रकल्प के कार्य हेतु मौजे विश्रोली में गट नं. 329 और पूर्णा प्रकल्प की दीवार से सटे सी-क्लास जमीन से पूर्णा प्रकल्प के कैनल के लिए बिना अनुमति मुरुम का उत्खनन व परिवहन किया था. इस पर ध्यान देते हुए, तत्कालीन तहसीलदार धीरज स्थूल ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद विश्रोली के पटवारी ने तहसीलदार को एक रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट की जांच के लिए तहसीलदार के आदेश नुसार लोकनिर्माण विभाग द्वारा प्रमाणित 1378.02 ब्रास मुरुम का स्टॉक मौके पर पाया गया. इसके लिए सक्षम अधिकारियों की अनुमति नहीं ली गई और गौनखनिज के उठाव और परिवहन के लिए भी सक्षम अधिकारियों की अनुमति नहीं ली गई, ऐसी रिपोर्ट तहसीलदार को प्राप्त हुई. इस पर तत्कालीन तहसीलदार स्थूल ने मध्यम एवं लघु सिंचाई उपविभागीय अभियंता अनुप खवने को 57 लाख 87 हजार 685 रुपए का जुर्माना लगाया था. इस आदेश को चुनौती देने वाले अपीलीय उपविभागीय अधिकारी ने 14 जून 2023 के आदेश द्वारा तहसीलदार के मूल आदेश को बरकरार रखते हुए तहसीलदार को तीन माह के भीतर अपीलार्थी से 57 लाख 87 हजार 684 रुपये वसूलने का आदेश दिया. तहसीलदार के आदेश में उल्लेख किया गया था कि चूंकि पूर्ण मध्यम प्रकल्प उपअभियंता ने प्रत्यक्ष 1287.02 ब्रास मुरुम का उपयोग किया था, इसलिए उन्हें प्रचलित सरकारी दर पर रॉयल्टी के भुगतान के लिए वरिष्ठ कार्यालय से निधि की मांग करना चाहिए, अन्यथा क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत के लिए नियुक्त ठेकेदार से जुर्माने के रकम की वसूली कर उसका भुगतान करना आवश्यक है, ऐसा तहसीलदार के आदेश में कहा गया था.

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