अमरावतीमहाराष्ट्र

प्लास्टिक का कचरा जलाने से कैंसर व फुफ्फुस की बीमारी का खतरा

सार्वजनिक स्थान पर कचरा जलाने वालों के खिलाफ मनपा करती है दंडात्मक कार्रवाई

अमरावती/दि.08– शहर के विकास में घनकचरा व्यवस्थापन एक बेहद महत्वपूर्ण भाग हो गया है. नगरपालिका व महानगरपालिका जैसी स्थानीय स्वायत्त निकायों के जरिए शहर के सभी रिहायशी इलाकों में प्रत्येक घर से निकलने वाले कचरे को संकलित किया जाता है. यह काम स्थानीय स्वायत्त निकायों के स्वच्छता विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों सहित निजी कंपनियों के सहयोग से करवाया जाता है. शहर के विकास की वजह से पहले ही पर्यावरण का स्तर घट रहा है. ऐसे में यदि घरों से निकलने वाले कचरे को जलाया जाता है, तो इसका मानवीय स्वास्थ्य पर और भी विपरित परिणाम पड सकता है.

बता दें कि, कचरे में प्लास्टिक का समावेश रहता है और कचरे के तौर पर प्लास्टिक को जलाना स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. महानगरपालिका के पथक द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर कचरा जलाने वालों पर नजर रखी जाती है. साथ ही ऐसा करते पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाती है.

* बिल्कुल न जलाये कचरा
कचरा जलाने से जहरीली हवा और धुएं का वातावरण में फैलाव होता है. जिससे कर्करोग, किडनी के रोग, मलाव रोग, अस्तमा, श्वासावरोध, मेंदू विकार जैसी बीमारियां होने की जबर्दस्त संभावना होती है.

* प्लास्टिक का कचरा जलाना ज्यादा खतरनाक
प्लास्टिक जलाने से डायऑक्सिस, फ्यूरॉन्स, पारा व पॉलीक्लोरिनेटेड बायफेनिल्स जैसी जहरीली हवा वातावरण में फैलती है, जो मनुष्य व जानवरों के साथ ही वनस्पतियों के लिए भी खतरा पैदा करती है.

* अब तक कितनों पर हुई कार्रवाई?
महानगरपालिका के उपद्रव खोज पथक द्वारा विगत एक माह के दौरान करीब 10 लोगों पर कचरा जलाने के मामले में दंडात्मक कार्रवाई की गई है.

* डम्पिंग ग्राउंड के पास रहने वालों का दम घुट रहा
शहर में जहां पर कचरा संकलित किया जाता है. उस डम्पिंग यार्ड के आसपास स्थित रिहायशी बस्तियों में हमेशा ही तीव्र दुर्गंध व्याप्त रहती है. साथ ही कचरे की वजह से परिसर की जमीनें पूरी तरह खराब हो गई है. साथ ही कचरे के जरिए जमीन में रिसने वाले गंदे पानी की वजह से भूगर्भिय जल भी प्रदूषित हो गया है तथा कुएं व बोअरिंग से निकाले जाने वाले पानी में भी तेज दुर्गंध आती है.

किसी भी खुली अथवा सार्वजनिक जगह पर कचरा जलाने पर 5 हजार रुपए का दंड लगाया जाता है. महानगरपालिका का उपद्रव खोज पथक प्रतिमाह कम से कम 10 लोगों के खिलाफ कचरा जलाने के मामले में दंडात्मक कार्रवाई करता है.
– अजय जाधव,
स्वच्छता अधिकारी,
महानगरपालिका.

शहर से निकलने वाले कचरे में बडे पैमाने पर प्लास्टिक होता है. प्लास्टिक का विघटन नहीं होता. जिसके चलते प्लास्टिक का समावेश रहने वाला कचरा जलाने पर उससे जहरीली वायू निकलती है. जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए काफी घातक होती है. साथ ही इसका आंखों व त्वचा पर परिणाम होता है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है.
– श्रीनाथ वानखडे,
पर्यावरण विशेषज्ञ.

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