अमरावती

जला हुआ तेल, बिगाडेगा तबियत का खेल

अमरावती /दि.7– रास्ते के किनारे लगने वाला खाद्य पदार्थों के ठेलों सहित शहर के अधिकांश उपहारगृहों व होटलों में दिनभर एक ही तेल में तमाम तरह के खाद्य पदार्थ तले जाते है. साथ ही पहले दिन उपयोग में लाये जाने के बाद बचे हुए तेल को अगले दिन उपयोग मेें लाने पर उसमें खाद्य पदार्थ तले जाते है, ऐसे जले हुए तेल में तैयार किए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट के विकार सहित कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड सकता है. ऐसे में प्रशासन सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा हमेशा ही यह आवाहन किया जाता है कि, तेल को एक बार गरम करते हुए प्रयोग मेें लाये जाने के बाद उसे दोबारा अथवा बार-बार प्रयोग में नहीं लाया जाना चाहिए, अन्यथा यह जला हुआ तेल स्वास्थ्य व तबीयत के खेत को बिगाड सकता है.

उल्लेखनीय है कि, इन दिनों स्वाद के शौकीन लोगों द्वारा सडकों के किनारे लगने वाले हाथ ठेलों सहित होटलों में जाकर विविध तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है. परंतु ऐसा करते समय इस बार की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता कि, तले हुए वे खाद्य पदाथ वाकई सेवन करने योग्य है अथवा नहीं, क्योंकि अधिकांश स्थानों पर खाद्य पदार्थों को तलने हेतु बार-बार एक ही तेल का प्रयोग किया जाता है. बार-बार गरम करते हुए प्रयोग में लाये जाने वाला तेल जलकर काला पड जाता है और ऐसे काले तेल में तलकर तैयार किए गए कचोरी, समोसे, भजीए व आलू बोंडे स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित हो सकते है. जिनसे पेटदर्द, गले में दर्द व खांसी की बीमारी होने के साथ ही आगे चलकर कैंसर की बीमारी भी हो सकती है.

* दिन भर उपयोग में लाया गया तेल शाम में फेंक देना चाहिए.
इस संदर्भ में अन्न व औषधी प्रशासन सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा खाद्य पदार्थ व्यवसायियों को बार-बार निर्देश दिया जाता है कि, तलने के काम हेतु पूरे दिन भर प्रयोग में लाये गए तेल को शाम के वक्त फेंक देना चाहिए और ऐसे जले हुए तेल का दूसरे दिन बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए.

* 121 स्थानों पर हुई जांच
– अप्रैल माह के बाद अमरावती जिले में अन्न व औषधी प्रशासन विभाग द्वारा 121 स्थानों पर तेल की जांच की गई.
– इसमें से 21 स्थानों से सैम्पल लिए गए और 6 मामले दर्ज करते हुए 4 स्थानों पर जब्ति की कार्रवाई की गई.

* हाथ गाडियों पर एक ही तेल का बार-बार प्रयोग
शहर में सडकों के किनारे लगने वाली हाथगाडियों के साथ ही महामार्गों पर स्थित ढाबों व होटलों में खाद्य पदार्थ तलने हेतु बार-बार एक ही तेल का प्रयोग किया जाता है और पहले से उपयोग में लाए गए जले हुए और काले हो चुके तेल में ही खाद्य पदार्थ तले जाते है.

* 25 से अधिक रिडिंग रहने पर कार्रवाई
खाद्य पदार्थ तले जाने वाली तेल की टोटल पोलर कम्पाउंड (टीपीसी) मशीन से जांच की जाती है. इस मशीन के जरिए जांचे गए तेल की रिडिंग 25 से अधिक रहने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

* क्या सतर्कता जरुरी?
होटल व्यवसायियों ने जितनी जरुरत हो, उतना ही तेल तलने के काम हेतु प्रयोग में लाना चाहिए, ताकि तेल बाकी ना बचा रहे. बाकी बचे रहने वाले काले तेल में नया तेल डालकर खाद्य पदार्थ तलना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.

* बार-बार गर्म किए गए और प्रयोग में लाये जा चुके तेल में तले गए खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक व हानिकारक साबित हो सकते है. ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पेटदर्द, खांसी व गला बैठना जैसी तकलीफे हो सकती है. साथ ही बार-बार ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर कैंसर होने की भी संभावना रहती है.
– डॉ. विजय खंडारे

* अन्न व औषधी विभाग द्वारा शहर सहित जिले के खाद्य पदार्थ विक्रेताओं व होटल व्यवसायियों को पुराना जला हुआ काला खाद्य तेल दोबारा प्रयोग में नहीं लाये जाने के संदर्भ में बार-बार निर्देशित किया जाता है. साथ ही इसे लेकर समय-समय पर जांच भी की जाती है.
– गणेश परलीकर,
सहआयुक्त,
अन्न व औषधि प्रशासन विभाग

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