अनलॉक मेें शाम 6 बजे तक ही अमरावती डिपो से छुटेगी बसेस
लंबी दूरी की दिन में एक गाडी छोडी जा रही है
फिलहाल तहसील स्तर पर ही अमरावती से परिवहन सेवा
शाला, महाविद्यालय बंद रहने से ग्रामीण क्षेत्र की बसेस बंद
अमरावती/ दि.6- अमरावती व अचलपुर तहसील में 10 दिन पहले जारी किया गया लॉकडाउन जिलाधिकारी के आदेश पर आज सुबह से हटाया गया है. नये नियम के अनुसार शहर में सभी व्यापारी प्रतिष्ठान अब सुबह 9 से दोपहर 4 बजे तक खुले रहेंगे, लेकिन इस दौरान शहर में खरीददारी के लिए आने वाले बाहरी शहर के लोगों का क्या?, वे अपने गांव कैसे लौटेंगे? इस तरह के अनेकों प्रश्न उपस्थित हो रहे थे. लेकिन चिंता की कोई बात नहीं. जिले की तहसील स्तर तक अमरावती डिपो से शाम 6 बजे तक महामंडल की बस सेवा शुरु रहेगी और यही बस बाद में अमरावती डिपो में लौट आयेगी. इसके अलावा शाला, महाविद्यालय बंद रहने से इससे पहले ग्रामीण क्षेत्र केे जिन कस्बों में महामंडल की बस सेवा शुरु थी वह फिलहाल बंद रखी गई है. इसके अलावा लंबे दूरी की बस सेवा पूर्व समान ही कायम रहने की जानकारी परिवहन विभाग के अधिकारियों ने दी.
विशेष यह कि अमरावती का डिपो यह मध्यवर्ती बस डिपो माना जाता है. यहां से लॉकडाउन से पहले अमरावती जिले की सभी तहसील के साथ ही विविध ग्रामीण क्षेत्र में भी बस सेवा शुरु थी, इसके अलावा अमरावती-नागपुर मार्ग पर हर 10 मीनट के अंतराल में एसटी महामंडल की बस छोडी जा रही थी तथा वर्धा, अकोला, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा आदि मार्गों पर भी एसटी की दिनभर फेरियां शुरु रहती थी. इसके अलावा औरंगाबाद, हिंगोली, लोणार, चंद्रपुर, नांदेड, मांडवी व जलगांव, पुणे आदि मार्गों पर दिन में एक फेरी रहती है. वर्तमान में इन मार्गों पर एसटी की बस सेवा पूर्ववत शुरु है. केवल मध्यम दूरी की यानी अमरावती-नागपुर की फेरियां कम कर वह 8 पर लायी गई है. अमरावती-अकोला दिन में 3 फेरियां होती है और अमरावती से यवतमाल मार्ग पर एसटी की 7 फेरियां अभी भी नियमित रुप से शुरु है.केवल ग्रामीण क्षेत्र की बस सेवा इस कारण बंद रखी गई है कि शाला व महाविद्यालयों को छुट्टियां रहने के कारण इन बसों को प्रवासी नहीं मिलते.
अमरावती बस डिपो नियंत्रक गवई के अनुसार वर्तमान में अमरावती-चांदूर बाजार, अमरावती-धामणगांव रेलवे, अमरावती-वरुड, अमरावती-दर्यापुर, अमरावती-अंजनगांव सुर्जी, अमरावती-चांदूर रेलवे आदि मार्गों पर दिन में एसटी बसेस की 7 से 8 फेरियां होती है. इसके अलावा बाहरी जिले से आने वाली बसेस का भी लाभ यात्री उठाते है. जैेसे की अकोला-नागपुर इस मार्ग की कुछ बसेस मोर्शी-वरुड होकर जाती है तो कुछ बसेस तिवसा मार्ग से जाती है. यात्री इन बसों का भी लाभ उठाकर अपने गांव तक पहुंंच सकते है. पिछले 10 दिनों से अमरावती व अचलपुर तहसील में लॉकडाउन रहते हुए भी बस सेवा इसी तरह नियमित रुप से शुरु थी.
यात्रियों पर निर्भर है बस सेवा
अमरावती डिपो के अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार ने फिलहाल बस सेवा 50 प्रतिशत यात्रियों पर निर्भर की है. स्थिति यह है कि ग्रामीण में आज भी लोगों में कोरोना की दहशत कायम है. इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहर में आने के लिए कतराते है. जिससे अधिकतर बसों को 20 यात्री मिलना भी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में बाहरी जिले से आने वाले मार्गोंं के बसों में इन यात्रियों को बिठाकर उनके गांव तक छोडा जाता है.
तहसील के डिपो नियंत्रक से नियोजन रखा गया
जानकारी के अनुसार अमरावती में फिलहाल दोपहर 4 के बाद संचारबंदी भलेही लागू हुई है, लेकिन अमरावती से बाहरगांव जाने वाले यात्रियों के लिए अमरावती डिपो से छुटने वाली आखरी बस यह 6 बजे की रहेगी. इसके साथ ही तहसील स्तर से आने वाली बस के डिपो व्यवस्थापक के साथ हमने नियोजन किया है. वहां से छुटने वाली अंतिम बस 7 बजे अमरावती डिपो में अगर आ गई तो उसमें कुछ यात्रियों को बिठाकर उनके गांव पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन अमरावती डिपो नियंत्रक के अनुसार केवल 20 सीटों पर बस सेवा सीमित रहने से तथा तहसील स्तर पर 20 सीटें शाम 6 बजे मुश्किल से मिलती है, इस कारण तहसील से छुटने वाली आखरी बस अमरावती आने की संभावना काफी कम रहती है.
रोजाना 3 से 4 लाख का नुकसान
पहले ही एसटी महामंडल आर्थिक संकटों का सामना करना पड रहा है, उसी में कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र की बसेस यात्री न मिलने के कारण बंद करनी पडी. वहीं तहसील स्तर की बस सेवा 20 यात्रियों पर सीमित हुई इस कारण अमरावती डिपो सेे लॉकडाउन से पहले रोजाना 22 हजार किलोमीटर का सफर तय करने वाली बस सेवा वर्तमान में रोज 10 हजार किलोमीटर पर सीमित हो गई. जिससे अमरावती डिपो को रोजाना 3 से 4 लाख रुपए का नुकसान सहना पड रहा है.