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मिलावटी खाद्य तेल का रोज 5 हजार टीन का व्यवसाय

सोयाबीन, फल्ली में मिलाया जाता पाम

* एफडीए के पास नहीं स्टाफ, हर बार कार्रवाई की खानापूर्ति
अमरावती/दि.11- रिपैकिंग कर खाद्य तेल में खरतनाक पाम तेल की मिलावट कर धडल्ले से उसकी विक्री की जा रही है. अमरावती में ऐसे 4-5 व्यापारी होने और अकोला, अकोट आसपास की तहसीलों से रिपैकिंग के नाम पर मिलावटी माल बेचे जाने की जानकारी मिल रही है. पूरा गोरखधंधा एफडीए की नाक के नीचे हो रहा है. फूड व ड्रग विभाग से संपर्क करने पर पता चला कि स्टाफ की कमी है. जिसके कारण भरपूर मात्रा में आवश्यक कार्रवाई नहीं हो पा रही. केवल खानापूर्ति करते हुए हर माह कुछ खास दुकानों के सैम्पल लेकर वह प्रयोगशाला में भेज दिए जाते हैं.
* रोज 5-6 हजार डब्बे
तेल बाजार के सूत्रों ने बताया कि पुराने डिब्बे का इस्तेमाल कर पाम तेल की मिलावट सोयाबीन और फल्ली के प्रचलित ब्रांड में की जा रही है. रोज का इनका 5-6 हजार डिब्बे का कारोबार है. किराना दुकानदार को सस्ते में माल मिल जाता है, जिससे वह भी खुलेआम यह डिब्बे खरीदकर ग्राहकों को बेच रहे हैं.
* खुद के मिनी ट्रक
इन मिलावटी तेल व्यापारियों ने खुद के मिनी ट्रक ले रखे हैं. वे शहर के दुरस्थ भागों में और गांव-देहात में जाकर दुकानदार को ऑनस्पॉट डिलिवरी देकर मार्केट से कम रेट में माल देते हैं. जिससे किराना दुकानदारों का थोक मार्केट जाने का चक्कर बच जाता है. उन्हें तेल का टीन बगैर टूटफूट वहां मिल जाता है. रेट का फर्क भी रहता है
* लेबल पर उल्लेख करना आवश्यक
अन्न व औषध प्रशासन के अधिकारियों से अमरावती मंडल ने बात की तो उन्होंने बताया कि तेल में मिलावट संबंधी स्पष्ट निर्देश नहीं है. लेबल पर उसका उल्लेख आवश्यक है. यदि उल्लेख नहीं है और माल मिलावटी है तो कडी कार्रवाई के प्रावधान है. जुर्माना के साथ जेल की भी सजा हो सकती है.
* कौनसा पाम तेल, क्या रेट
पाम तेल मुख्य रुप से विदेशों से आयातीत है. उसमें फिल्टर करना आवश्यक होता है. इस प्रक्रिया पर खर्च बढता है और उन्नत मश्नरी की आवश्यकता होती है. इतनी झंझट न करते हुए औने-पौने दाम पर तेल लेकर उसे सीधे मूंगफल्ली, सोयाबीन तेल में मिला दिए जाने की जानकारी सूत्र दे रहे हैं. यह पाम तेल 1300-1350 रुपए का 15 किलो का टीन मिलता है. जबकि सोयाबीन तेल के दाम 1600-1700 रुपए तक हैं. फल्ली तेल तो 2500 रुपए से अधिक भाव का है. थोक व्यापारी को तेल के 15 किलो के टीन पर मार्केट के चढ-उतार के कारण बमुश्किल 15-20 रुपए का लाभ होता है. मिलावटी तेल से कुछ व्यापारी रोज लाखों से घर भरने की जानकारी सूत्रों ने दी.
* एफडीए की कार्रवाई खानापूर्ति
एफडीए की हर माह मिलावटी खाद्यान्न के सैम्पल लेने की कार्रवाई होती है. वह कुछ चुनिंदा दुकानों पर जाकर तेल वगैरह के नमूने लेती है. उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है. कई बार प्रयोगशाला से माल खरा है या खोटा, इसका परिणाम आने में समय लग जाता है.
* अमरावती जिला एक अफसर के भरोसे
जिले में 5 हजार से अधिक किराना स्टोर होंगे. ऐसे ही सैकडों की संख्या में तेल व्यापारी हैं. सरकार ने खाद्य सुरक्षा नियम ला रखा है. फिर भी आम लोगों की खाद्यान्न से सुरक्षा के उपाय अधूरे रह जाते है. क्योंकि अमरावती जैसे संभाग मुख्यालय के जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 5 पद है. किंतु कार्यरत एकमात्र गजानन गोेरे हैं. जिससे मिलावट करने वाले व्यापारियों की बन आ रही है.

* नागपुर में 3500 लीटर तेल जब्त
नागपुर में एफडीए अधिकारियों ने 3450 लीटर मिलावटी तेल जब्त किया. जिसकी कीमत करीब 4 लाख रुपए है. अधिकारियोें ने बताया कि गत 8 दिनों में 47 नमूने जांचने के बाद 13 नमूने मिलावटी पाए गए और कार्रवाई की गई.

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