* 760 अडते-व्यापारियों का सहभाग
* मंडी बंद करने की साजिश का प्रखर विरोध
अमरावती/दि.26 – प्रदेश की महायुति सरकार द्वारा 2018 के फसल मंडी बंद करने के प्रावधान व कानून को दोबारा बक्से से बाहर निकालने का कडा विरोध करते हुए प्रदेश में 304 फसल मंडी में सोमवार को कामकाज ठप रहा. जिससे करोडों-अरबों रुपए का अनाज का लेन-देन प्रभावित होने का दावा कर मंडी सूत्रों ने अमरावती मंडल न्यूज को बताया कि, अकेले अमरावती में 15-17 करोड का कामकाज प्रभावित हुआ है. जिससे अंदाजा लगा सकते हैं कि, राज्य में कितने करोड का बिजनेस ठप हुआ होगा. बता दें कि, अमरावती मंडी में अभी रोज 20 से 25 हजार बोरे सोयाबीन, तुअर, चना और अन्य माल की आवक हो रही है. जिससे साफ है कि, एक दिन की हडताल से भी किसानों को नुकसान हुआ है. आज की हडताल का आदेश सभापति हरीश मोरे ने शनिवार को जारी कर दिया था.
* अमरावती में सभी का सहभाग
फसल मंडी के संचालक प्रमोद इंगोले ने बताया कि, राज्यव्यापी संगठन अर्थात महासंघ की पुणे में हुई बैठक में हडताल का आवाहनन किया गया था. जिसे अमरावती में शत-प्रतिशत प्रतिसाद मिला. यहां के सभी 760 अडते और व्यापारी हडताल में सहभागी हुए. उन्होंने यह भी बताया कि, आज एक दिन की हडताल की गई. यह सरकार को अपने निर्णय से बाज आने की चेतावनी है. आगे भी महासंघ के निर्देशानुसार आंदोलन होगा. महासंघ की बैठक में अमरावती से नाना नागमोते सहभागी हुए थे.
* सब्जी और फल मार्केट खुला रहा
प्रमोद इंगोले ने बताया कि, सोमवार को हडताल का निर्णय का आदेश शनिवार दोपहर प्राप्त हुआ. जिसके कारण फल और सब्जियों की मंडी में आवक का काम शुरु हो गया था. यह पैरिशेबल रहने और जीवनावश्यक वस्तु होने से फल और सब्जी मार्केट को आज के बंद से अछूता रखा गया.
* मंडी बंद करने का षडयंत्र
फसल मंडी के व्यापारियों और अडते ने अमरावती मंडल को बताया कि, सरकार पूरे प्रदेश में मंडी व्यवस्था बंद करने पर तुली है. जबकि इससे कास्तकार का ही नुकसान है. मंडी में माल लाने पर एक से अधिक खरीददार रहने और उनसे प्रतिस्पर्धा में अच्छे दाम की गुंजाइश रहती है. मंडी बंद होने से खरीददार बिखर जाएंगे. उससे किसानों को दाम कम मिलने की आशंका अधिक है. व्यापारियों ने मंडी व्यवस्था बंद करने का कडा विरोध दर्ज किया.