अमरावती/दि.25 –चमडे की वस्तु चप्पल-जूते सुधारने के क्षेत्र में काम करनेवाले अनुसूचित जाति के चर्मकार समाज का जीवन उंचा उठाने के लिए राज्य शासन की ओर से गटई स्टॉल योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत अनुदान पर टीनपत्र के स्टॉल दिए जाते है. जिसका जिले में अब तक 1319 लाभार्थियों ने लाभ उठाया.
राज्य में चमडे की वस्तु व चप्पल-जूते सुधारने के क्षेत्र में बडे प्रमाण पर अनुसूचित जाति प्रवर्ग के चर्मकार व्यक्ति कार्यरत है. उनके परिवार की उपजीविका इस व्यवसाय पर निर्भर है. वे भरी धूप में रास्ते में बैठकर अपनी सेवा नागरिको को देते है. इन व्यवसायक कीे धूप, हवा और बारिश इससे सुरक्षा हो और उसकी आर्थिक उन्नति हो. इसके लिए ग्राम पंचायत नगरपालिका क्षेत्र में 100 प्रतिशत सहायक अनुदान पर टीनपत्र के स्टॉल देने की योजना शुरू की गई है.
जिले में 1319 लोगों को टीनपत्र के स्टॉल का वितरण किया गया है. वर्ष 2013-14 से 2015-16 इस वर्ष में जिले में 887 गटाई स्टॉल प्राप्त हुए थे. उसमें से 837 वितरित किये गये थे तथा वर्ष 2018-19 में 846 स्टॉल उपलब्ध हुए. इसमें 364 स्टॉल का वितरण किया गया.
गटई स्टॉल योजना यह सामाजिक न्याय विभाग 2013 से चलाई जा रही है. गटई स्टॉल आपूर्ति संबंध की कार्यवाही संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल विभाग द्बारा की जाती है.
चर्मकार बंधुओं को 100 प्रतिशत अनुदान तत्व पर टीन पत्र के स्टॉल दिए जाते है. नगद अनुदान भी दिया जाता है. इसके साथ ही लायसेंस भी दिया जाता है.
योजना की शर्त है- आवेदक अनुसूचित जाति का चर्मकार व महाराष्ट्र का निवासी हो. उसकी उम्र 18 से 50 वर्ष होनी चाहिए. उसकी वार्षिक आय 1 लाख से अधिक न हो.